myjyotish

6386786122

   whatsapp

6386786122

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Blogs Hindi ›   When will Bhadrapada Amavasya fall, know its worship method, some rules related to it, and auspicious time…..

Bhadrapad Amavasya: कब पड़ेगी भाद्रपद अमावस्या, जानें इसकी पूजा विधि उससे जुड़े कुछ नियम, और शुभ मुहूर्त…..

Myjyotish Expert Updated 25 Aug 2022 12:39 PM IST
कब पड़ेगी भाद्रपद अमावस्या, जानें इसकी पूजा विधि उससे जुड़े कुछ नियम, और शुभ मुहूर्त…
कब पड़ेगी भाद्रपद अमावस्या, जानें इसकी पूजा विधि उससे जुड़े कुछ नियम, और शुभ मुहूर्त… - फोटो : google
विज्ञापन
विज्ञापन

कब पड़ेगी भाद्रपद अमावस्या, जानें इसकी पूजा विधि उससे जुड़े कुछ नियम, और शुभ मुहूर्त…..


पूजा-पाठ, स्नान-दान और श्राद्ध आदि के लिए अत्यंत ही फलदायी माने जाने वाली भाद्रपद अमावस्या कब पड़ेगी और क्या है इसका धार्मिक महत्व, आइए हम आपको बताते हैं इसके बारे में पंचांग के अनुसार किसी भी मास के कृष्णपक्ष की पंद्रहवी तिथि को अमावस्या कहा जाता है. प्रत्येक माह में पड़ने वाली अमावस्या का अपना बहुत महत्व होता है.

भाद्रपद मास की अमावस्या, जिसे पिठोरी, कुशोत्पाटिनी अमावस्या आदि के नाम से जाना जाता है, उसका पूजा-पाठ की दृष्टि से बहुत ज्यादा महत्व होता है. यह तिथि पितरों के निमित्त किए जाने वाली पूजा, तर्पण आदि से लेकर स्नान-दान आदि के लिए बेहद फलदायी मानी गई है. आइए भाद्रपद मास की अमावस्या की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व के बारे में विस्तार से जानते हैंl

मात्र रु99/- में पाएं देश के जानें - माने ज्योतिषियों से अपनी समस्त परेशानियों 

पंंचाग के अनुसार इस साल भाद्रपद अमावस्या 26 अगस्त 2022 को दोपहर 12:23 बजे से प्रारंभ होकर 27 अगस्त 2022 को दोपहर 01:46 बजे तक रहेगी. चूंकि सनातन परंंपरा उदया तिथि को ही किसी तीज या त्योहार का आधार माना जाता है, ऐसे में 27 अगस्त 2022 को ही भाद्रपद अमावस्या मानते हुए पूजा की जाएगीl

भाद्रपद अमावस्या का धार्मिक महत्व

सनातन परंपरा में जिस भाद्रपद मास को भक्ति और मुक्ति के लिए जाना जाता है उस मास में पड़ने वाली अमावस्या को कुशग्रहणी या कुशोत्पाटिनी अमावस्या के रूप में भी जाना जाता है. इस दिन पूजा-पाठ में प्रयोग लाई जाने वाली पवित्र कुशा को इकट्ठा किया जाता हैl

जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है

अमावस्या की पूजा विधि एवं उपाय

भाद्रपद मास की अमावस्या के दिन सूर्योदय से पहले उठकर यदि संभव हो तो किसी नदी में अथवा अपने घर में स्नान-ध्यान करें. इसके बाद प्रत्यक्ष देवता भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य दें और पितरोंं के निमित्त तर्पण एवं पिंडदान करें. ज्योतिष के अनुसार यदि आपकी कुंंडली में शनि दोष या फिर कालसर्प दोष हो तो आपको भाद्रपद मास की अमावस्या पर विशेष पूजा करनी चाहिए. मान्यता है कि अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीया जलाने से शनि दोष दूर होता है. अमावस्या के दिन विधि-विधान से हवन और जरूरतमंद व्यक्ति को अन्न एंव धन का दान करने पर सभी प्रकार के दोष दूर होते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती हैl

भाद्रपद अमावस्या पर न करें ये गलतियां

भाद्रपद अमास्या के दिन शुभ फल को पाने और अशुभ फलों से बचने के लिए व्यक्ति को कुछेक चीजों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. जैसे इस तिथि पर भूलकर अपने पितरों कोसना या फिर उनका उपहास नहीं उड़ाना चाहिए. अमावस्या के दिन व्यक्ति को भूलकर भी मांस-मदिरा आदि तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए. इस दिन लोगों के साथ लड़ाई-झगड़ा करने से भी बचना चाहिए. अमावस्या के दिन किसी सूनसान जगह पर जाने से बचना चाहिए

ये भी पढ़ें

  • 100% Authentic
  • Payment Protection
  • Privacy Protection
  • Help & Support
विज्ञापन
विज्ञापन


फ्री टूल्स

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms and Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree
X