कब होगी बप्पा की विदाई, जानें गणेश विसर्जन की संपूर्ण विधि और शुभ मुहूर्त
गणेश उत्सव पूरे 10 दिनों तक चलता है। इसके बाद इनकी विदाई होती है।अपने सनातन धर्म में अनंत चतुर्दशी का बहुत महत्व है। हिंदू धर्म में भाद्रपद मास की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है। भाद्रपद मास की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है।अनंत चतुर्दशी के दिन पालनहारी श्री हरि का इस दिन विशेष पूजा पाठ होती है। इस दिन इनके अनंत स्वरूपों की पूजा की जाती है। एक तरफ श्री हरि का स्वागत किया जाता है तो दूसरी तरह गणपति की बिदाई होती है। जिस प्रकार बप्पा के भक्त बप्पा को लाते है उसी प्रकार से विसर्जन के लिए भी ले जाते है, पूरा ढ़ोल नागाणा बजाते हुए ले जाते है। गणपति के मूर्ति को तलब या समुद्र में विसर्जित किया जाता है और उनसे प्रार्थना करते है की फिर अगले साल आना प्रभु , हम पर अपना आशीर्वाद बनाए रखना।आइए दस दिनी गणपति महोत्सव के आखिरी दिन किए जाने वाली गणेश पूजा और उनके मूर्ति के विसर्जन का शुभ मुहूर्त, धार्मिक महत्व और नियम आदि के बारे में विस्तार से जाते हैं।
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क्यों करते हैं गणपति का विसर्जन
पुराणों में इसकी भी कई कथाएं मिलती है। लेकिन एक पौराणिक कथा प्रचलित है की महर्षि वेदव्यास को महाभारत को लिखने के लिए किसी ऐसी दिव्य आत्मा की आवश्यकता थी जो बिना रुके हुए इसे लिख पूरा कर सके। तब महर्षि वेदव्यास ब्रह्माजी के पास गए और उन से प्रार्थना की तो उन्होंने यह कार्य बुद्धि के देवता श्री गणेश से करवाने का सुझाव दिया। मान्यता है कि महर्षि वेदव्यास के अनुरोध पर श्री गणेश ने बिना रुके हुए महाभारत को लिख दिया। इसको लिखने में गणपति को पूरे दस दिन लगे थे। इस दस दिन के बीच में जब श्री गणेश महाभारत लिख रहे थे तब महर्षि वेदव्यास ने देखा की उनका शरीर तप रहा है तो उन्होंने विनायक के शरीर पर मिट्टी का लेप लगा दिया। जिससे उनको काफी राहत मिली। जिसके सूखने के बाद भगवान श्री गणेश जी ने नदी में डुबकी लगवाई। मान्यता है कि वह दिन अनंत चतुर्दशी का दिन था। यही कारण है कि गणेश चतुर्थी के दसवें यानि अनंत चतुर्दशी के दिन उनकी मूर्ति का विधि-विधान से विसर्जन किया जाता है।
गणेश विजर्सन का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार गणपति बप्पा की विदाई के लिए जानी जाने वाली अनंत चतुर्दशी इस साल 8 सितम्बर 2022 को रात्रि 9 : 02 मिनट पर प्रारंभ होकर 9 सितंबर 2022 को सायंकाल 6 : 07 मिनट तक रहेगी। इस दिन गणेश विसर्जन के लिए निम्नलिखित शुभ मुहूर्त बन रहे हैं –
गणेश विसर्जन के लिए सुबह का शुभ मुहूर्त
प्रात:काल 6 : 03 – 10 : 44 मिनट तक है।
विसर्जन के लिए दोपहर का शुभ मुहूर्त –
दोपहर 12 : 18 –1 : 52 मिनट तक है।
गणेश विसर्जन के लिए शाम का शुभ मुहूर्त
सायंकाल 5 : 00 – 6 : 31 मिनट तक है।
गणेश विसर्जन के लिए रात्रि का शुभ मुहूर्त
रात्रि में 9 : 26 – 10 : 52 मिनट तक है।
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कैसे करें गणेश विजर्सन
अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति की प्रतिमा को विसर्जित किया जाता है। गणपति के मूर्ति को विसर्जित करने से पहले इनकी मूर्ति की विधि विधान से पूजा की जाती है। गणपति को नारियल, फल, फूल, मोदक आदि का भोग लगाने के बाद उनके मंत्रों का जप एवं आरती करनी चाहिए। इसके बाद गाजे-बाजे के साथ गणपति की प्रतिमा को “गणपति बप्पा मोरया” के जय जयकारे लगाते हुए किसी पवित्र नदी या सरोवर के किनारे ले जाकर मूर्ति को विसर्जित करें। विसर्जित करने से पहले गणपति से प्रार्थना करें की ये प्रभु जो भी गलती हुई हो हमे नादान बालक समझ कर क्षमा करना। भूल की क्षमा मांगते हुए अगले साल फिर आने का आमंत्रण दें और फिर खुद को सुरक्षित रखते हुए गणपति को नदी या सरोवर आदि में विसर्जित कर दें।
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