भाद्रपद पूर्णिमा कब है? क्या है इसका महत्व जाने सभी जानकारी विस्तार पूर्वक
भाद्रपद पूर्णिमा 10 सितंबर 2022 को शनिवार के दिन मनाई जाएगी. पारंपरिक हिंदू पंचांग अनुसार भाद्रपद महीने में पूर्णिमा तिथि भाद्रपद माह की पूर्णिमा के रुप में जानी जाती है. इस दिन श्री विष्णु भगवान का पूजन विशेष रुप से किया जाता है. भाद्रपद पूर्णिमा को अत्यंत विशेष समय माना जाता है जब चंद्रमा का बल भी बहुत मजबूत होता है और प्रकृत्ति में भी इस का विशेष असर दिखाई देता है. इस शुभ दिन पर भक्त भगवान सत्यनारायण की पूजा करते हैं जो भगवान विष्णु के अवतार हैं. भाद्रपद पूर्णिमा पूरे भारत में, विशेष रूप से गुजरात राज्य में अत्यधिक उल्लास और उत्साह के साथ मनाई जाती है. गुजरात में अंबाजी के मंदिर में इस दिन विशेष उत्सव मनाया जाता है.
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भाद्रपद पूर्णिमा पूजन
भाद्रपद पूर्णिमा पर हिंदू भक्त सुबह जल्दी उठते हैं और अपने नित्य कर्मों से निवृत्त होकर पूजा के कार्यों में शामिल होते हैं. इस दिन गंगा, यमुना और नर्मदा जैसी पवित्र नदियों में स्नान करना बहुत फलदायी माना जाता है. यह मान्यता है कि जो व्यक्ति भाद्रपद पूर्णिमा स्नान करता है उसे भगवान विष्णु का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस दिन सत्यनारायण पूजा का आयोजन किया जाता है. भगवान सत्यनारायण की मूर्ति को पवित्र 'पंचामृत स्नान' करवाया जाता है. भक्त फल, फूल और मिठाई के रूप में भगवान सत्यनारायण को भोग अर्पित करते हैं.
पूजा के बाद सत्यनारायण कथा का पाठ बहुत महत्वपूर्ण होता है. मान्यता के अनुसार घर में सत्यनारायण कथा का पाठ करना या यहां तक कि निमंत्रण पर किसी के घर जाना भी बहुत शुभ माना जाता है. भाद्रपद पूर्णिमा पर भक्त भगवान ब्रह्मा, भगवान शिव और देवी लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु को समर्पित अन्य कहानियों का भी पाठ करते हैं. अधिकांश भक्त इस दिन उपवास भी रखते हैं जिसे भाद्रपद पूर्णिमा व्रत के रूप में जाना जाता है. भाद्रपद माह की पूर्णिमा के दिन व्रत करने का विधान भी रहा है. शाम को सत्यनारायण कथा के बाद समाप्त होता है. इस व्रत को करने वाले को दाल, अनाज और नमक नहीं खाना चाहिए. इस व्रत में दूध-दही, मेवे और फलों को खाने की अनुमति होती है. भाद्रपद पूर्णिमा का दिन 'महा मृत्युंजय हवन' करने के लिए भी उपयुक्त है. जो व्यक्ति इस दिन पूरी श्रद्धा के साथ इस हवन को करता है उसे अपने जीवन में सभी नकारात्मकताओं से मुक्ति मिलती है. भाद्रपद पूर्णिमा पर ब्राह्मणों या जरूरतमंदों को वस्त्र और भोजन दान करने का भी महत्व है. इस दिन किया गया दान अत्यधिक फलदायी होता है.
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भाद्रपद पूर्णिमा पर महत्वपूर्ण समय
पूर्णिमा तिथि शुरू 09 सितंबर, 2022 शाम 6:08 बजे होगी. पूर्णिमा तिथि समाप्त सितंबर 10, 2022 3:29 अपराह्न पर होगी.
भाद्रपद पूर्णिमा का महत्व:
पौराणिक कथाओं में पूर्णिमा की रात अत्यधिक धार्मिक महत्व से जुड़ी है. भाद्रपद माह भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है और इसलिए भाद्रपद पूर्णिमा का बहुत महत्व है. भाद्रपद पूर्णिमा के अगले दिन पितृ पक्ष श्राद्ध की शुरुआत होती है. खगोलीय गणनाओं के अनुसार, भाद्रपद मास का नाम इस तथ्य के कारण पड़ा कि इस महीने में पूर्णिमा या पूर्णिमा के दिन पूर्वी या उत्तरी भाद्रपद नक्षत्र बनता है. गृह प्रवेश समारोह करने के लिए भी यह दिन शुभ है. भाद्रपद पूर्णिमा भगवान विष्णु के अनुयायियों के लिए एक पवित्र और विशेष त्योहार है. इस दिन भक्त भगवान सत्यनारायण से एक बेहतर जीवन के लिए उनका आशीर्वाद लेने के लिए भक्ति के साथ प्रार्थना करते हैं.
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