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Anant Chaturdashi 2022: कब है अनंत चतुर्दशी व्रत? पूजा में रखें इन चीजों का ध्यान, मिलेगा मनवांछित फल

myjyotish expert Updated 16 Aug 2022 10:08 AM IST
कब है अनंत चतुर्दशी व्रत? पूजा में रखें इन चीजों का ध्यान, मिलेगा मनवांछित फल
कब है अनंत चतुर्दशी व्रत? पूजा में रखें इन चीजों का ध्यान, मिलेगा मनवांछित फल - फोटो : google photo
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कब है अनंत चतुर्दशी व्रत? पूजा में रखें इन चीजों का ध्यान, मिलेगा मनवांछित फल


हिंदी पंचांग के अनुसार हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी का त्योहार को मनाया जाता है। अनंत चतुर्दशी को अनंत चौदस भी कहते है।अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान श्री गणेश की पूजा उपासना की जाती है। हिंदू धर्म में अनंत चतुर्दशी व्रत का काफी महत्व है।इस दिन भगवान विष्णु  के अनंत रूपों की पूजा की जाती है। इसके साथ ही इस दिन गणेश विसर्जन भी होता है।

इस साल अनंत चतुर्दशी का त्योहार 9 सितंबर 2022, दिन शुक्रवार को मनाया जायेगा। जो भी श्री हरि महाराज की विधि पूर्वक पूजा करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। उसे सभी तरह की समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है और जीवन आनंद से भर जाता है। अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है। सनातन परंपरा में भगवान विष्णु की कृपा दिलाने वाली अनंत चतुर्दशी का अत्यंत महत्व है। इस दिन सच्चे मन से पूजा करने से  भगवान प्रसन्न होकर भक्तों के सारे दुख दूर कर देते है।  आइए अनंत चतुर्दशी के बारे में कुछ जरूरी बातें जानते है।

अनंत चतुर्दशी 2022 शुभ मुहूर्त

अनंत चतुर्दशी तिथि 8 सितंबर 2022 को शाम के  9 : 02 मिनट से शुरू होकर, अगले दिन यानि 9 सितंबर 2022  को शाम के 6 : 07 मिनट तक है। इसलिए अंनत चतुर्दशी का व्रत 9 सितंबर को रखा जाएगा।

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अनंत चतुर्दशी 2022 पूजा मुहूर्त
 9 सितंबर को सुबह 6 : 02 मिनट से शाम को 6 : 09 मिनट तक है।

पूजा अवधि  12 घंटे 6 मिनट

अनंत चतुर्दशी व्रत 2022 पूजा विधि
इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा पाठ की जाती है। इस दिन सुबह उठकर स्नान करके स्वच्छ पीला वस्त्र धारण करें। इसके बाद मंदिर की अच्छे से सफाई कर के , अपने पूजा स्थल पर भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र को स्थापित करके , व्रत और पूजा का संकल्प ले। उसके बाद श्री हरि की पूजा करें। पूजा के दौरान भगवान की प्रिय वस्तुओं को जरूर अर्पित करें।  भगवान विष्णु को पीला रंग अधिक प्रिय है, इसलिए इस दिन इनकी पूजा में पीले फूल, मिठाई आदि का प्रयोग करें। भगवान के चरणों में अनंत सूत्र, जिसे अनन्ता कहते हैं, समर्पित करे। इसके बाद उस रक्षा सूत्र को खुद धारण करें। पुरुष दाएं और महिलाएं बाएं हाथ में बांधें। अनंत चतुर्दशी व्रत के भी कुछ नियम होते हैं, यदि आप इन नियमों को नहीं मानते हैं तो आप इस व्रत को पूरा नहीं कर सकते हैं। जैसे, अगर आप अनंत चतुर्दशी व्रत करते हैं तो आपको अनंत सूत्र 1 साल तक बांधे रखना होगा। और आने वाले अनंत चतुर्दशी को उस सूत्र को खोले। बहुत लोग अनंत सूत्र को 14 दिन तक बांधते है ,लेकिन जो साल भर नहीं बांध सकते है उसका 14 दिन बांधने का कोई मतलब नहीं रह जाता है। यह त्यौहार हिंदूओं के अलावा जैन धर्म के लोगों द्वारा भी मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, अनंत चतुर्दशी की पूजा से अशुभता टल जाती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार महाभारत काल से अन्नत चतुर्दशी व्रत की शुरुआत हुई थी।

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