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Home ›   Blogs Hindi ›   Why is Simantonnayana Sanskar performed in the eighth month of the baby in the womb, know its importance

Simantonnayana Sanskar: गर्भ धारण करने के आठवें महीने में क्यों किया जाता है सीमन्तोन्नयन संस्कार, जानें महत्व

Nisha Thapaनिशा थापा Updated 28 May 2024 04:50 PM IST
सीमन्तोन्नयन संस्कार
सीमन्तोन्नयन संस्कार - फोटो : My Jyotish

खास बातें

Simantonnayana Sanskar: सीमन्तोन्नयन संस्कार, 16 संस्कारों का तीसरा सबसे अहम संस्कार है। इस संस्कार को गर्भ धारण करने के छठें या फिर आठवें माह में किया जाता है। आइए जानते हैं क्या है इसका महत्व।
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Simantonnayana Sanskar: 16 संस्कारों में तीसरा संस्कार है सीमन्तोन्नयन संस्कार, जिसे गर्भवती महिला व उत्तम शिशु के लिए किया जाता है। यह संस्कार गर्भ में पल रहे शिशु को छ: या आठ महीने होने पर किया जाता है। यह संस्कार, पुंसवन संस्कार की तरह ही होता है। यह संस्कार जिस माह में किया जाता है, उस समय गर्भपात की संभावना भी बहुत होती है और गर्भपात से बचने के लिए यह संस्कार उत्तम संस्कार माना गया है। आधुनिक युग में सीमन्तोन्नयन संस्कार को बेबी शॉवर के रूप में मनाए जाने लगा है, हालांकि इसे भी वैदिक विधि से ही संपन्न करवाना चाहिए।


सीमन्तोन्नयन संस्कार का महत्व

 
कहा जाता है कि चार महीने के बाद, यानि कि पुंसवन संस्कार के बाद बच्चे का विकास तेजी के साथ होने लगता है और ऐसे में माता के स्वभाव में भी बदलाव आता है। जिस प्रकार का माता का स्वभाव और आचरण रहता है, ठीक उसी प्रकार से बच्चे का विकास भी होता है। इसलिए  इस संस्कार के माध्यम से माता को अच्छे स्वभाव को कायम रखने के लिए प्रेरित किया जाता है। 

येनादिते सीमानं नयति प्रजापतिर्महते सौभगाय!
तेनाहमस्यै सीमानं नयामि प्रजामस्यै जरदष्टि कृणोमी!!


सीमन्तोन्नयन संस्कार के विषय में ऋग्वेद में मत है, कि जिस प्रकार से ब्रह्म देव ने देवमाता अदिति का सीमन्तोन्नयन संस्कार किया था और वह दीर्घजीवी बनीं, ठीक इसी प्रकार से गर्भ में पल रहे शिशु का भी  सीमन्तोन्नयन संस्कार करवाना चाहिए, ताकि आपकी संतान भी उत्तम और दीर्घजीवी  बनें। कहा जाता है कि इस समय गर्भ में पल रही संतान सुनन में सक्षम हो जाती है, इसलिए सीमन्तोन्नयन संस्कार के माध्यम से माता को संतान को सुयोग्य एवं उत्तम बनाने के विषय में भी बताया जाता है। माता को साहित्य अध्ययन में रूचि रखनी चाहिए और सद् विचारों को अपने भीतर समाहित करना चाहिए। इस संस्कार में वीणा वादकों को बुलाकर उनसे राजा एवं वीर पुरूष का गान करवाया जाता है।
 

सीमन्तोन्नयन संस्कार के शुभ नक्षत्र


सीमन्तोन्नयन संस्कार, वैसे तो गर्भ धारण करने में छठे माह या फिर आठवें माह में किया जाता है, लेकिन इसके लिए शुभ नक्षत्र बहुत अहम होता है। सीमन्तोन्नयन संस्कार के लिए शुभ नक्षत्र है  मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य, हस्त, मूल, अनुराधा, मृगशिरा, अश्विनी और श्रवण हैं। हालांकि आपको सीमन्तोन्नयन संस्कार के लिए इन नक्षत्रों में शुभ तिथि निकालना बहुत जरूरी।

यदि आप भी अपने संतान को उत्तम बनाना चाहते हैं या फिर इस संस्कार के लिए जिज्ञासु हैं, तो यह संस्कार आपको जरूर करवाना चाहिए। इसके साथ ही यदि आप इस संस्कार से संबंधित अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको ज्योतिषी से संपर्क करना चाहिए। 

 
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