Vrischika Sankranti 2022: संक्रांति पर कुछ खास मंत्रों के उच्चारण और पूजन के साथ करें सूर्य पूजा
सूर्य को हिंदू धर्म शास्त्रों एवं ज्योतिष में विशेष स्थान प्राप्त है. यही प्राण हैं और संपूर्ण जीवन शक्ति का आधार भी हैं. सूर्यदेव का पूजन भी विशेष माना गया है. प्रत्येक सुबह सूर्य को जल अर्पित करके उनकी पूजा की जाती है. वैसे तो सप्ताह के सभी सातों दिन सूर्य की पूजा करना शुभ माना जाता है, लेकिन कुछ विशेष दिनों जैसे संक्रांति और रविवार के दिन सूर्य देव को अर्घ्य देना बहुत ही शुभ और फलदायी माना जाता है.
जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
पुराणों में मान्यता है कि सूर्य अपने सात घोड़ों वाले रथ पर सवार होकर विचरण करते हैं और एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश भी करते हैं. प्रत्येक राशि में इनका प्रभाव अलग-अलग माना जाता है. लेकिन संक्रांति के दिन कुछ विशेष मंत्रों के जाप और पूजा से सभी भक्त उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं.
सूर्य उपासना संक्रांति समय
हिंदू धर्म में सूर्य देव को शाश्वत देवता कहा गया है. ऐसा माना जाता है कि वे सदैव प्रत्येक युग में रहे हैं. संक्रांति का दिन सूर्य देव की उपासना के लिए सबसे उत्तम दिन माना जाता है. कहा जाता है कि इस दिन भगवान सूर्य की पूजा करने से भगवान सूर्य बहुत प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं.
संक्रांति को प्रात: स्नान आदि करने के बाद सूर्योदय के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए. अर्घ्य देते समय सूर्य मंत्र का जाप करना चाहिए. उसके बाद सूर्य नमस्कार करना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि सूर्य देव की विधि-विधान से पूजा करने, सूर्योदय के समय अर्घ्य देने और सूर्य नमस्कार करने से बल, बुद्धि, ज्ञान, वैभव और पराक्रम की प्राप्ति होती है.
सूर्य अर्घ्य मंत्र
ॐ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते.
अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर: ॥
ॐ सूर्याय नम:, ॐ आदित्याय नम:, ॐ नमो भास्कराय नम:.
अर्घ्य समर्पयामि॥
मात्र रु99/- में पाएं देश के जानें - माने ज्योतिषियों से अपनी समस्त परेशानियों
सूर्य मंत्र
सूर्य एक ऐसे देवता माने गए हैं जो दिखाई देते हैं. सूर्य की पूजा व्यक्तिगत रूप से की जाती है. जिस बर्तन से सूर्य देव को जल चढ़ाया जाए उसमें लाल रोली और लाल फूल अवश्य रखें. यदि आप अधिक लंबा मंत्र नहीं पढ़ पा रहे हैं तो इस मंत्र से सूर्य देव को जल चढ़ाएं.
ॐ घृणि सूर्याय नम:
सूर्य देव बीज मंत्र
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पतेए अनुकंपयेमां भक्त्याए गृहाणार्घय दिवाकररू।।
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ।।
सूर्य मंत्र का जाप करते हुए भगवान सूर्य की पूजा करना शुभ फलदायी माना जाता है.
ये भी पढ़ें
- Vastu Tips : वास्तु के अनुसार घर में इस पौधे को लगाते ही हो जायेंगे मालामाल
- Jyotish Remedies: भगवान शिव को भूलकर भी अर्पित न करें ये चीजें
- Jyotish shastra: राहु का विवाह और संबंधों पर पड़ता है गहरा असर
- Jyotish Remedies: चंद्रमा का असर क्यों बनाता है मेष राशि को बोल्ड
- सिंह राशि के लिए साल 2022 रहेगा सफलता से भरपूर, पढ़े क्या होगा ख़ास
- जानिए कैसे बुध का गोचर व्यक्ति के लिए प्रभावी