Vighnaraja Sankashti Chaturthi: विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी कब है? जानिए पूजा मुहूर्त और चंद्रोदय का समय
अश्विन कृष्ण चतुर्थी तिथि को विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा. इस दिन गणेश जी की पूजा करने से कष्ट दूर होते हैं. 13 सितंबर मंगलवार को विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा. श्री गणेश का एक नाम विघ्नहर्ता भी है.
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आश्विन माह की ये चतुर्थी भगवान के इसी नाम से मनाई जाती है. इस व्रत को करने से जीवन में आने वाले सभी कष्ट दूर होते जाते हैं. यह व्रत घर परिवार में सुख समृद्धि का कारक बनता है.
विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी पर बनेंगे शुभ योग
संकष्टी चतुर्थी को सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग बन रहे हैं. इन योगों का शुभ प्रभाव अत्यंत तेजी से फल प्रदान करने वाला होता है. इस दिन कार्यों की सिद्धि भी होती है. भगवान गणेश विघ्नराज की पूजा करने से आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी. संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह 07.37 बजे तक वृद्धि योग है और उसके बाद ध्रुव योग भी बन रहा है.
इन शुभ योगों में भगवान गणेश, विघ्नराज की पूजा करने से आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी और परेशानियां दूर होंगी. इस दिन गणेश जी को मोदक और दूर्वा अर्पित करना नहीं भूलना चाहिए. आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी का व्रत रहेगा.
इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से संकट दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है. गणेश जी की कृपा से जीवन में शुभ और सौभाग्य की वृद्धि होती है क्योंकि गणपति बप्पा शुभता के प्रतीक हैं और अशुभ समय में बाधाओं को दूर करने वाले, काम में बाधाओं को दूर करने वाले पहले देवता हैं.
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विघ्नराज संकष्टी मुहुर्त समय
विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी मंगलवार, 13 सितम्बर, 2022 को
संकष्टी के दिन चन्द्रोदय - 20:26
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ - 13 सितम्बर, 2022 को 10:37 प्रात:काल
चतुर्थी तिथि समाप्त - 14 सितम्बर, 2022 को 10:25 प्रात:काल
हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि मंगलवार 13 सितंबर को सुबह 10 बजकर 37 मिनट से शुरू हो रही है. यह अगले दिन 14 सितंबर को सुबह 10 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगी.
गणेश चतुर्थी की पूजा और व्रत तभी पूर्ण माना जाता है जब चतुर्थी तिथि को ही रात्रि में चंद्रमा की पूजा की जाती है. ऐसे में विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी में चंद्र पूजा का समय 13 सितंबर को प्राप्त हो रहा है, ऐसे में 13 सितंबर मंगलवार को विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा.
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