भगवान शिव की तस्वीर का कौन सा रुप होगा आपके लिए सबसे खास
हिंदू धर्म अनुसार घर में देवी-देवताओं की तस्वीर लगाना शुभ माना जाता है और अब जब सावन का महीना चल रहा है तो यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है. सावन का महीना भगवान शिव के लिए बेहद खास होता है इसलिए इस दौरान घर में शिव जी की तस्वीर जरूर लगानी चाहिए. भगवान की हर तस्वीर का कोई न कोई अर्थ अवश्य होता है.
भगवान का हर स्वरुप जीवन के किसी न किसी पहलू पर असर भी डालता है ऎसे में वास्तु शास्त्र से जान सकते हैं की घर में भगवान शिव की तस्वीर लगाने के बारे में नियमों को, और उसके अनुसार शिव मूर्ति या तस्वीर को घर पर रख कर शुभ फलों में वृद्धि भी प्राप्त कर सकते हैं. घर में देवी-देवताओं की प्रतिमा तस्वीर या कोई प्रतीक लगाना अथवा रखना शुभ माना जाता है और जब सावन का महीना हो तो घर पर भगवान की नई प्रतिमा लाना भी बहुत अच्छा माना गया है. इस दौरान घर में शिव जी की तस्वीर जरूर लगानी चाहिए. हम आपको घर में और किस दिशा में भगवान शिव की तस्वीर के बारे में बताएंगे.
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इस दिशा में तस्वीर का होना देता है शुभ फल
उत्तर दिशा भगवान शिव की प्रिय दिशा है और इसी दिशा में भगवान शिव का वास यानि कैलाश पर्वत है. इसलिए घर में भगवान शिव की तस्वीर लगाने के लिए उत्तर दिशा का चुनाव करना चाहिए. इस दिशा में तस्वीर लगाने से शुभ फल मिलते हैं. उत्तर दिशा में भगवान शिव की ऐसी तस्वीर लगाएं, जिसमें वे शांत और ध्यान मुद्रा में हों या नंदी पर बैठे हों ऎसा करने से घर के माहौल में सुख एवं समृद्धि का वास होता है. परिवर के सदस्यों के भीतर प्रेम एवं सहचर्य का भाव भी जागृत होता है.
इसके अलावा आप शिवजी की ऐसी तस्वीर भी लगा सकते हैं जिसमें वह अपने पूरे परिवार के साथ बैठे हों. इस तस्वीर का उपयोग करके आपसी संबंधों को शुभता प्रदान की जा सकती है. घर में चल रहे कलह कलेश भी शांत होते हैं. साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि शिव की ऐसी तस्वीर घर में लगाएं, जिसमें वह सौम्य रूप धारण कर लिए हों. यह घर की सुख-शांति के लिए अच्छा होता है.
भगवान शिव आदि देव हैं जो ब्रह्मांड की रचना, रक्षा और परिवर्तन करते हैं. त्रिमूर्ति के भीतर शिव को "विनाशक" के रूप में जाना जाता है, हिंदू त्रिमूर्ति में ब्रह्मा और विष्णु शामिल हैं. भगवान शिव को कई पहलुओं में दिखाया गया है, परोपकारी पहलुओं में, उन्हें एक सर्वज्ञ योगी के रूप में दर्शाया गया है जो कैलाश पर्वत पर एक तपस्वी जीवन जीते हैं और साथ ही अपनी पत्नी पार्वती और उनके दो बच्चों, गणेश और कार्तिकेय के साथ एक गृहस्थ भी हैं. अपने उग्र पहलुओं में, उन्हें अक्सर दुष्टों का नाश करते हुए दिखाया गया है.
जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
भगवान शिव का हर रुप जीवन में कोई न कोई संदेश अवश्य देता है. भगवान की हर तस्वीर और प्रतिमा में एक अदभुद अनुभूति प्राप्त होती है और यही ऊर्जा घर के लोगों को भी प्रभावित करती है. इसलिए घर पर लगाई जाने वाली भगवान शिव की प्रतिमा वास्तु अनुसार भी शुभ संकेत देने में सहायक होती है तथा घर की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने वाली होती है.
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