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Valmiki Jayanti 2022: वाल्मीकि जयंती कब है? रामायण के रचनाकर महर्षि वाल्मीकि का संपूर्ण चरित्र कैसे बना प्रेरणा स्त्रोत
शरद पूर्णिमा का समय वाल्मीकि जयंती के रुप में भी मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन महर्षि वाल्मीकि का जन्म हुआ था और जिनकी महान रचना रामायण द्वारा संसार को एक अमूल्य कृति की प्राप्ति संभव हो पाई. हिंदू धर्म में वाल्मीकि जी का स्थान अत्यंत ही श्रेष्ठस्थ रहा है. वह एक महान लेखक और ऋषि, महर्षि रहे हैं.
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रामायण की रचना से दिया संसार को महान ज्ञान
पारंपरिक हिंदू पंचांग के अनुसार, वाल्मीकि जयंती अश्विन के महीने में पूर्णिमा तिथि पर मनाई जाती है. महर्षि वाल्मीकि महान हिंदू महाकाव्य रामायण के लेखक हैं और उन्हें 'आदि कवि' या संस्कृत साहित्य के पहले कवि के रूप में भी जाना जाता है.
रामायण, भगवान राम की कहानी का चित्रण करते हुए सबसे पहले उनके द्वारा संस्कृत भाषा में लिखी गई थी और इसमें 24,000 श्लोक हैं जो विभिन्न काण्ड में विभाजित हैं. वाल्मीकि जयंती को संपूर्ण भारत में ही श्रद्धा के साथ मनाया जाता रहा है. इस दिन भारत के उत्तरी क्षेत्रों में इसकी विशालता काफी दिखाई देती है. इसे प्रगति दिवस के रुप में भी पुकारा जाता है.
कब है वाल्मीकि जयंती
वाल्मीकि जयंती 2022 09 अक्टूबर, रविवार को मनाई जाएगी. अश्विन पूर्णिमा तिथि का समय: 09 अक्टूबर, 3:42 पूर्वाह्न से आरंभ होगा ओर 10 अक्टूबर, 2:24 पूर्वाह्न तक यह व्याप्त रहने वाली है. इस दिन कोजागर नामक शुभ व्रत को भी रखा जाएगा.
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वाल्मीकि जयंती महत्व
वाल्मीकि जयंती पर लोग प्रसिद्ध भक्त संत और कवि के प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं. कई कस्बों और गांवों में वाल्मीकि के चित्र को लेकर कई जुलूस निकाले जाते हैं. हिंदू भक्त इस दिन उनकी भक्तिपूर्वक पूजा करते हैं. कई जगहों पर उनके चित्र की पूजा की जाती है. इस दिन पूरे भारत में भगवान राम के मंदिरों में रामायण का पाठ होता है. भारत में महर्षि वाल्मीकि को समर्पित कई मंदिर हैं जहां इसकी धूम विशेष रुप से देखी जा सकती है.
वाल्मीकि जयंती के अवसर पर इन मंदिरों को फूलों से सजाया जाता है. यह पावन पर्व अनेक तरह से वातावरण को शुद्ध और आनंदमय बनाता है. मंदिरों में कीर्तन और भजन कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. कई भक्त इस अवसर पर भगवान राम के मंदिरों में भी जाते हैं और महर्षि वाल्मीकि की याद में रामायण के कुछ छंदों का पाठ करते हैं. इसके साथ ही वाल्मीकि जयंती पर विभिन्न स्थानों पर गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन का वितरण किया जाता है. इस दिन दान करना बहुत फलदायी माना जाता है.
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