Vaikuntha Ekadashi 2022: बैकुंठ एकादशी पर करें तुलसी और बेलपत्र का ये उपाय, धन में होगी वृद्धि
हिंदू कैलेंडर के अनुसार वैकुंठ एकादशी, जिसे मुक्कोटी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है, धनुर सौर माह के दौरान आती है। तमिल कैलेंडर में, धनुर मास या धनुरमासा को मार्गज़ी महीने के रूप में जाना जाता है। मलयालम कैलेंडर में, वैकुंठ एकादशी को के रूप में जाना जाता है l
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वैकुंठ एकादशी का महत्व:
यह माना जाता है कि वैकुंठ एकादशी के दिन, भगवान विष्णु के आंतरिक गर्भगृह का द्वार भी खोला जाता है जिसे वैकुंठ द्वारम भी कहा जाता है और इस दिन व्रत रखने वाले भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। वैकुंठ एकादशी पर भक्त तिरुपति में तिरुमाला वेंकटेश्वर मंदिर और श्रीरंगम में श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में बड़ी संख्या में इकट्ठा होते हैं।
Vaikuntha Ekadashi 2022: बैकुंठ चतुर्दशी 6 नवंबर 2022 को है. भगवान विष्णु-शिव के मिलन का प्रतीक है. इस दिन शिव की प्रिय बेलपत्र, विष्णु की प्रिय तुलसी के कुछ उपाय जीवन में अद्भुत बदलाव ला सकते हैं.
आमतौर पर भगवान शिव और विष्णु जी की एक साथ उपासना बहुत कम होती है. सिर्फ बैकुंठ चतुर्दशी की तिथि पर हरि-हर की पूजा साथ करने का विधान है. बस इसी दिन शिव को तुलसी दल अर्पित किया जाता है. मान्यता है इससे देवी लक्ष्मी अति प्रसन्न होती हैं.
वहीं शास्त्रों के अनुसार बैकुंठ चतुर्दशी पर शिव की प्रिय बेलपत्र भगवान विष्णु को अर्पित की जाती है. कहते हैं ऐसा करने से हर काम में सफलता मिलती है और मृत्यु के बाद बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है.
बैकुंठ चतुर्दशी पर भगवान विष्णु को सच्चे मन से 108 या जितने कमल के फूल मिल जाएं वो अर्पित करें. भगवान शिव को भी कमल का फूल के साथ सफेद चंदन, भोग आदि लगाएं. मान्यता है इससे यमराज के प्रकोप नहीं झेलने पड़ते. मोक्ष मिलता है.
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बैकुंठ चौदस के दिन 3 बेलपत्र विष्णु जी को चढ़ाएं और फिर अगले दिन इन्हें अपनी तिजोरी में रख लें. मान्यता है इससे धन की तंगी दूर होती है. आय में वृद्धि होती है. ऐसा करने से आपके घर में धन की तंगी दूर हो सकती है और साथ ही रुके हुए पैसे भी प्राप्त हो सकते हैं।
इस दिन शिव जी तो 4-5 तुलसी दल चढ़ाएं. फिर इन्हें तांबे के लौटे में जलभर कर उसमें डाल दें. इसे 24 घंटे के लिए रख दें. अगले दिन स्नान के बाद इस जल को मुख्य द्वार सहित पूरे घर में छिड़कें. इससे नकारात्मकता दूर होगी और सुख-समृद्धि आएगी.
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