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Home ›   Blogs Hindi ›   Tulsi Puja: Special rules have been made for Tulsi Puja in the scriptures, do not make such mistakes even by m

Tulsi Puja: शास्त्रों में तुलसी पूजा के लिए बनाए गए हैं खास नियम, भूलकर भी न करें ऐसी गलतियां

Myjyotish Expert Updated 23 Nov 2022 03:54 PM IST
Tulsi Puja: शास्त्रों में तुलसी पूजा के लिए बनाए गए हैं खास नियम, भूलकर भी न करें ऐसी गलतियां
Tulsi Puja: शास्त्रों में तुलसी पूजा के लिए बनाए गए हैं खास नियम, भूलकर भी न करें ऐसी गलतियां - फोटो : google
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Tulsi Puja: शास्त्रों में तुलसी पूजा के लिए बनाए गए हैं खास नियम, भूलकर भी न करें ऐसी गलतियां


हिंदू धर्म में तुलसी के पौधें का बहुत महत्व है। हिंदू धर्म में हर घर में तुलसी का पौधा लगा होता है। जिस भी घर में तुलसी का पौधा होता है वहा के आस पास का वातावरण बहुत शुद्ध होता है। तुलसी का पौधा विज्ञानिक और धार्मिक दोनों ही दृष्टि से उपयोगी है। तुलसी का संबंध माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु से माना जाता है। इसलिए लगभग सब लोग बहुत विधि विधान से तुलसी पूजा करते है।

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जिस भी घर में इनकी पूजा होती है उस घर में सुख समृद्धि और सौभाग्य बना रहता है। भगवान विष्णु को तुलसी जी अति प्रिय हैं इस कारण इन्हें हरिप्रिया भी कहा जाता है। घर पर तुलसी का पौधा का होने से हमेशा सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

तुलसी के पौधें में औषधीय गुण पाया जाता है। इस कारण तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल कई तरह की बीमारियों को दूर करने में बहुत ही कारगर साबित हुआ है। आइए जानते हैं तुलसी के पौधे का महत्व, पूजा विधि, सावधानियां और इनसे जुड़ी कुछ जरूरी बातों पर गौर करते हैं।

तुलसी पूजा विधि
तुलसी के पौधें की पूजा कभी भी बिना नहाएं नहीं करना चाहिए क्योंकि उसमें माता लक्ष्मी का वास होता है। शास्त्रों के अनुसार तुलसी के पत्तों को कभी भी शाम के बाद नहीं तोड़ना चाहती। आप तुलसी के पत्तों को नहाने के बाद सुबह थोड़े या फिर दोपहर में भी तोड़ सकते हैं। लेकिन भूल से भी शाम में तुलसी के पत्तों को ना थोड़े। क्योंकि शास्त्रों में ऐसा करना वर्जित माना गया है। 

तुलसी के पत्तों को तोड़ने के नियम
शास्त्रों के मुताबिक तुलसी के पत्तों को कभी भी नाखून से नहीं तोड़ना चाहती। जहां आपने तुलसी का पौधा लगाया है, वहा पर अगर सूखे तुलसी के पत्ते गिर रहे है तो उस पत्ते को पौधें में डाल दे ताकि किसी भी व्यक्ति के पैर ना लगे।

माता तुलसी का कभी भी अपमान नही करना चाहिए उनकी हमेशा पूरे विधि विधान से पूजा करें। घर में तुलसी के पौधे को कभी भी दक्षिण दिशा में नहीं लगाना चाहिए।  तुलसी के पौधे को हमेशा पूर्व,उत्तर या उत्तर पूर्व दिशा में रखें या फिर जमीन में भी लगा सकते है।

शास्त्रों के अनुसार कभी भी रविवार, एकादशी और ग्रहण के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए। इसके अलावा रविवार और एकादशी के दिन तुलसी के पौधे को जल भी नहीं अर्पित करना चाहिए। क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इन दो दिनों में माता तुलसी विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।

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तुलसी के पौधे का धार्मिक महत्व
हिंदू धर्म में तुलसी को बहुत ही पवित्र माना जाता हैं। इसके धार्मिक महत्व भी बहुत ज्यादा है। भगवान की पूजा और भोग में तुलसी का पत्ता जरूर शामिल किया जाता है। भगवान विष्णु, भगवान कृष्ण और रामभक्त की पूजा बिना तुलसी दल के पूरी नहीं मानी जाती है। जिस भी घर में तुलसी का पौधा होता है वहा पर सुख समृद्धि और शांति बनी रहती हैं।

हिंदू धर्म में जब किसी भी व्यक्ति की मृत्यु होती है उसके बाद उनके मुंह में तुलसी का पत्ता और गंगाजल डाला जाता है। ऐसी मान्यता है कि इससे दिवंगत आत्मा को शांति मिलती है और स्वर्गलोक में भगवान विष्णु के चरणों में स्थान मिलता प्राप्त होता है। तुलसी का पौधा घर में लगाने से नकारात्मक ऊर्जा बाहर जाती है और घर में शांति बनी रहती हैं।

तुलसी के पौधे का औषधीय महत्व
तुलसी के पौधे मे कई तरह के औषधीय गुण मौजूद होते हैं। इनके पत्तों से दवा भी बनाया जाता है। तुलसी के पौधे में एंटीबैक्टीरियल,एंटीफंगल व एंटीबायोटिक गुण होते हैं. जो व्यक्ति को संक्रमण से रक्षा करते हैं और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।


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