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Home ›   Blogs Hindi ›   Today Kanha ji's birthday is being celebrated on Udaya Tithi, know the secret of Krishna avatar of Shri Vishnu

Janmashtami 2022 Date: आज उदया तिथि में मनाया जा रहा है कान्हा जी का जन्मदिन, जानें श्री विष्णु के कृष्ण अवतार

Myjyotish Expert Updated 20 Aug 2022 10:15 AM IST
आज उदया तिथि में मनाया जा रहा है कान्हा जी का जन्मदिन, जानें श्री विष्णु के कृष्ण अवतार के होने का रहस्य
आज उदया तिथि में मनाया जा रहा है कान्हा जी का जन्मदिन, जानें श्री विष्णु के कृष्ण अवतार के होने का रहस्य - फोटो : Google
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आज उदया तिथि में मनाया जा रहा है कान्हा जी का जन्मदिन, जानें श्री विष्णु के कृष्ण अवतार के होने का रहस्य  


जन्माष्टमी 2022 के पर्व को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं.  जन्माष्टमी पर इस साल तारीख को लेकर संशय की स्थिति है. पंचांग भेद के कारण इस बार अष्टमी तिथि 18 और 19 अगस्त दोनों दिन है, लेकिन जन्मोत्सव की डेट को लेकर कंफ्यूज न हो. यहां जानें सही तारीख और मुहूर्त. कृष्ण जन्माष्टमी पर्व से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां आपको यहां दी जा रही हैं

पंचांग के अनुसार 18 अगस्त 2022 गुरुवार रात 09 बजकर 21 मिनट से अष्टमी तिथि प्रारंभ होगी. 19 अगस्त 2022 शुक्रवार की रात 10 बजकर 50 मिनट पर अष्टमी तिथि का समापन होगा. कृष्ण का जन्म रात में हुआ था इस कारण कई लोग 18 अगस्त को व्रत रख कान्हा का जन्मोत्सव मनाएंगे. गृहस्थजन 18 अगस्त को जन्माष्टमी मना रहे हैं. वहीं उदया तिथि अनुसार वैष्णव संप्रदाय यानी कि साधु संत 19 अगस्त को जन्माष्टमी उत्सव मनाएंगे

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आखिर क्यों मनाया जाता है जन्माष्टमी का पर्व?
कृष्ण जन्माष्टमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है. भादो माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को द्वापर युग में कंस के अत्याचार से लोगों की रक्षा करने हेतु भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण ने जन्म लिया था

भक्तजन घर में जन्माष्टमी कैसे मनाएं?

जन्माष्टमी का पर्व मंदिरों के अलावा घरों में भी मनाया जाता है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं से जुड़ी झांकियां सजाई जाती है. कान्हा का बाल स्वरूप की पूजा अर्चना की जाती है. इस दिन बाल गोपाल की प्रिय चीजों का भोग लगाया जाता है. सुबह व्रत का संकल्प लेकर पूजा पाठ की जाती है जन्माष्टमी व्रत का पारण अगले दिन किया जाता है.रात्रि में कान्हा के आगमन के लिए सजावट करते है,और कुछ लोग श्रद्धा अनुसार भजन कीर्तन करते हैं और कई स्थानों पर रासलीला भी रचाई जाती हैl

जन्माष्टमी पूजा मुहूर्त विशेष्:
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मध्य रात्रि में रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. जन्माष्टमी की कान्हा की रात में पूजा का विशेष विधान है. इस बार 19 अगस्त को रात के 12 बजकर 3 मिनट से रात 12 बजकर 47 मिनट तक नीशीथ काल रहेगा. जन्माष्टमी पर बाल गोपाल की पूजा के लिए 44 मिनट तक शुभ मुहूर्त है. इसके साथ ही जन्माष्टमी व्रत के पारण का समय भी 19 अगस्त को किया जा सकेगा. उदया तिथि मिलने के कारण इस बार जन्माष्टमी का व्रत 19 अगस्त को भी रखा जाएगा.

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जन्माष्टमी के दिन क्या नहीं खाना चाहिए ?

जन्माष्टमी की पूजा का फल तभी मिलता है जब कान्हा की पूजा में नियमों का पालन किया जाए. इस दिन भूलकर भी तामसिक भोजन, मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिएl

जन्माष्टमी के दिन क्या खाते हैं ?

जन्माष्टमी पर जो लोग व्रत रखते हैं उन्हें रसीले फलों का सेवन करना चाहिए. पानी की कमी शरीर में न हो इसका भी व्रत के दौरान ध्यान रखना चाहिए. अन्य फलों को भी ग्रहण कर सकते हैंl

जन्माष्टमी के दिन क्या पानी पी सकते हैं ?

मान्यता के अनुसार इस दिन लोग पूरे दिन जल ग्रहण नहीं करते और व्रत खोलते समय दही या फिर जल ग्रहण कर सकते हैं. इसके बाद भोजन ले सकते हैंl

श्री कृष्ण के परम भक्त कौन थे ?

धर्म ग्रंथों के अनुसार श्रीकृष्ण के परम भक्त उद्धव थे. भगवान श्रीकृष्ण ने पहला विराट रूप उद्धव को दिखाया था.

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