सावन में सोमवार और प्रदोष (त्रयोदशी) का दिन अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है। यदि आपकी नौकरी लगने में दिक़्क़तें आ रही हैं, शादी-विवाह में रुकावट या घर में अशान्ति, शत्रुओं पर विजय प्राप्ति या अधिक धन की कामना, मान-सम्मान-सौभाग्य सब कुछ मिल जाएगा। बस, आपको करना है श्रीशिव सहस्त्रनामार्चन पूजन।
श्रीशिव सहस्त्रनामार्चन पूजन महत्व-
भक्तों, ये वही पूजन है जिसे करके विष्णु जी को शिव जी ने सुदर्शन सौंपा था, जिससे बिना किसी परिश्रम के विष्णु जी ने दैत्यों का संहार किया था। पूजन करते समय शिव जी ने विष्णु भगवान की परीक्षा तक ले ली थी। जिसमें उन्होंने अपना नेत्र शिवलिंग पर चढ़ाने का निर्णय तक ले लिया था।
इस पूजा में शिव जी को प्रिय कोई भी वस्तु को एक हज़ार आठ बार शिवलिंग पर चढ़ाना होता है। सावन के किसी भी दिन मुख्यतः सोमवार को तन-मन से शुद्ध होकर पास के शिव मंदिर या घर पर रहकर पहले गणेश जी, पार्वती जी का षोडशोपचार पूजन करें। दीपक जलाकर, यथासम्भव भोग-प्रसाद व पूजन सामग्री चढ़ाएँ।
अपने घर से ही पाएँ महाकाल के रुद्राभिषेक का फल, 11 ब्राह्मणों से पूजन कराएँ समाप्त होगा अकाल मृत्यु का डर
विधि पूर्वक श्रीशिवसहस्त्रनामार्चन की पुस्तक में लिखे शिव जी के १००८ नामों का मंत्र जाप करते हुए, वह एक वस्तु शिव लिंग पर आस्था व विश्वास के साथ चढ़ाएँ। वस्तु जैसे बेलपत्र, आक के पुष्प अथवा कोई भी मेवा चढ़ा सकते हैं। कमल का पुष्प सबसे शीघ्र और उत्तम फल दिलाता है।
विधि-विधान से ब्राह्मणों द्वारा इस पूजन को करने से शीघ्र ही मन चाहा वरदान प्राप्त होता है। इस समय जब अधिकतर हर जगह लॉक्डाउन या रात्रि कर्फ़्यू है, आप हमारे माध्यम से अपने घर से ही इस पूजा को शिव ज्योतिर्लिंग पर विधि विधान से करवा सकते हैं और इसका फल प्राप्त कर सकते हैं।
ये भी पढ़े:
जानिए आषाढ़ मास में आने वाले सभी पावन व्रत और त्योहार
जानिए तुलसी के खास उपाय जो दिलाएंगे आपको व्यापार, धन और विवाह की परेशानियों
हाथों की लकीरें जो बताती हैं आपका भाग्य, जानिए ऐसी लकीर जिसके हथेली पर होने से बढ़ता है धन