हमारी संस्कृति में सूर्य को भगवान की तरह ही पूजा जाता है। सूर्य को सभी ग्रहों में श्रेष्ठ माना जाता है क्योंकि सभी ग्रह सूर्य के चक्कर काटते हैं। हिंदू धर्म में सूर्य का बहुत महत्व होता है। सूर्य की पूजा रविवार के दिन की जाती है। सूर्य देव की पूजा करना बहुत ही फलदायक माना गया है। सूर्यदेव की उपासना करने से शान, सुख, स्वास्थ्य, सफलता और दीर्घायु का वरदान प्राप्त होता है।
प्रतिदिन सूर्य देव की पूजा करने से मन में आस्था और विश्वास पैदा होता है। सूर्य देव की पूजा करने वाला व्यक्ति अपनी सभी आने वाली कठिनाइयों का सामना डटकर कर सकता है। सूर्य की पूजा व्यक्ति को बलवान बनाती है। भगवान सूर्य की पूजा व्यक्ति को परोपकारी बनाती है। सूर्य पूजा व्यक्ति के मन से अहंकार क्रोध इच्छा कपट और बुरे विचारों को दूर करती है। रविवार के दिन भगवान सूर्य की पूजा करने से बुद्धिमान और मधुर वाणी का वरदान प्राप्त होता है।
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सूर्य भगवान की पूजा करने से कोमल और पवित्र आचरण प्रदान होता है । सूर्य को सुबह उठकर जल देने के समय ओम सूर्याय नमः का जाप करें तो सूर्य देव बहुत प्रसन्न होते हैं।
सूर्य मंत्र स्तुति:
नमामि देवदेवशं भूतभावनमव्ययम्। दिवाकरं रविं भानुं मार्तण्डं भास्करं भगम्।।
इन्द्रं विष्णुं हरिं हंसमर्कं लोकगुरुं विभुम्। त्रिनेत्रं त्र्यक्षरं त्र्यङ्गं त्रिमूर्तिं त्रिगतिं शुभम्।।
कथाओं में कहा गया है था भगवान सूर्य का उपासक कठिन से कठिन कार्य में सफलता प्राप्त करता और उसके आत्मबल में भी वृद्धि होती है।
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रविवार व्रत व पूजा की विधि :
- पौराणिक ग्रंथों में रविवार के व्रत को समस्त पापों का नाश करने वाला माना गया है। अच्छे स्वास्थ्य व घर में समृद्धि की कामना के लिए भी रविवार का व्रत किया जाता है। इस व्रत के दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है।
- पूजा के बाद भगवान सूर्यदेव को याद करते हुए ही तेल रहित भोजन करना चाहिए।
- एक वर्ष तक नियमित रूप से उपवास रखने के पश्चात व्रत का उद्यापन करना चाहिए।
- मान्यता है कि इस उपवास को करने से उपासक जीवन पर्यंत तमाम सुखों को भोगता है व मृत्यु पश्चात सूर्यलोक में गमन कर मोक्ष को प्राप्त करता है।
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