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बच्चे के जन्म को लेकर क्या कहते हैं सोनम कपूर के सितारे
आज सुबह, सोनम कपूर ने सोशल मीडिया पर खुशखबरी की घोषणा की कि वह गर्भवती हैं. सूत्रों से पता चला कि सोनम कपूर तीन महीने से अधिक की गर्भवती हैं. कपूर परिवार के एक करीबी सूत्र ने बताया, "वास्तव में, वह चार महीने की गर्भवती है इसलिए, वह ज्यादातर अगस्त 2022 में बच्चे को जन्म दे सकती हैं. वह हाल के दिनों में ज्यादा नहीं देखी गई थी कुछ दोस्तों और रिश्तेदारों को इसका एहसास हो गया था, लेकिन सोनम ने आज इस बात की पुष्टि करके सभी अटकलों को विराम दे दिया है. सोनम कपूर ने की प्रेग्नेंसी की घोषणा और आनंद आहूजा के साथ मैटरनिटी फोटोशूट की तस्वीरें शेयर की:-
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सोनम कपूर का जन्म एक फिल्मी परिवार में अभिनेता अनिल कपूर और पूर्व मॉडल सुनीता कपूर के घर हुआ था. कपूर ने 2005 की ड्रामा फिल्म ब्लैक में निर्देशक संजय लीला भंसाली की सहायता करके फिल्म में अपना करियर शुरू किया. उन्होंने 2007 में भंसाली की रोमांटिक फिल्म सांवरिया से रणबीर कपूर के साथ अभिनय की शुरुआत की थी. रांझणा में एक प्रमुख भूमिका निभाने के लिए फिल्मफेयर सहित सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का नामांकन अर्जित किया, इसके बाद उन्होंने खूबसूरत, डॉली की डोली और प्रेम रतन धन पायो में अभिनय किया. उन्होंने नीरजा में मुख्य भूमिका निभाने के लिए आलोचनात्मक प्रशंसा प्राप्त की. वह अपने मुखर व्यक्तित्व के लिए मीडिया में विशेष रूप से जानी जाती हैं, और उन्हें सबसे फैशनेबल हस्तियों में से एक के रूप में माना जाता है. बॉलीवुड की सबसे फैशनेबल अभिनेत्री के रूप में जानी जाने वाली, सोनम ने 8 मई, 2018 को अपने लॉन्ग-टर्म बिजनेसमैन बॉयफ्रेंड आनंद आहूजा से शादी की.
सोनम की कुंडली में मौजूद योग ओर ग्रहों की स्थिति जीवन में होने वाले विभिन्न बदलावों से जानते हैं की संतान लड़की होगी या लड़का. ज्योतिष शास्त्र में संतान जन्म से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातों पर विशेष ध्यान दिया जाता है जो संतान के सुख ओर उसके भविष्य के विषय में भी दर्शाती है. परिवार में बच्चे का जन्म सभी के लिए बहुत खुशी की बात होती है.
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संतान के लिए बृहस्पति कि स्थिति बहुत महत्व रखती है और इसकी कमजोर स्थिति संतान जन्म में होने वाली देरी को भी दर्शाती ही है. सोनम की कुंडली में अगर हम बृहस्पति को कुंडली में देखें तो वह मकर राशि में स्थिति है. मकर राशि में स्थित बृहस्पति निर्बल माना जाता है. बृहस्पति का निर्बल होना कन्या संतान को भी दर्शाता है. क्योंकि नैसर्गिक पुत्रकारक ग्रह बृहस्पति है इसलिए इसके बल में कमी के चलते इसके प्रभावों में भिन्नता भी देखने को मिलती है. इसी के साथ कुंडली में पंचम भाव का स्वामी भी बृहस्पति ही बनता है जो निर्बल अवस्था में है. इसका मतलब हुआ की संतान भाव का कारक और संतान भाव का स्वामी दोनों ही कमजोर अवस्था में रहे हैं.
नवम भाव का स्वामी मंगल भी मिथुन राशि में स्थित है जो पुरुष तत्व राशि में नही होने के कारण कन्या संतान की ओर ही इशारा करता है. महिलाओं की कुंडली को देखते हुए नौवां भाव महत्वपूर्ण माना जाता है. दशा कारक यह निर्धारित करने के लिए कि वर्तमान में चल रही दशा गर्भाधान के लिए अनुकूल है या नहीं और संतान के लिंग को भी बताने वाली होती है. किसी भी कुंडली में इन कारकों या तत्वों के प्रभाव द्वारा बच्चे के बारे में जाना जा सकता है.
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