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Som Pradosh Vrat : आज है दिसंबर माह का पहला प्रदोष व्रत आज, जानिए शुभ मुहूर्त व पूजा विधि

Myjyotish Expert Updated 06 Dec 2022 09:04 AM IST
som pradosh vrat : आज है दिसंबर माह का पहला प्रदोष व्रत आज, जानिए शुभ मुहूर्त व पूजा विधि
som pradosh vrat : आज है दिसंबर माह का पहला प्रदोष व्रत आज, जानिए शुभ मुहूर्त व पूजा विधि - फोटो : google
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som pradosh vrat : आज है दिसंबर माह का पहला प्रदोष व्रत आज, जानिए शुभ मुहूर्त व पूजा विधि


हिंदू पंचांग के अनुसार प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है जो हर महीने के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में आती है. आज साल के दिन साल के अंतिम माह का पहला प्रदोष व्रत होगा. मार्गशीर्ष या अगहन मास का अंतिम प्रदोष व्रत 05 दिसंबर 2022 दिन सोमवार को रखा जाएगा.

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सोमवार होने के कारण इसे सोम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाएगा. इसके अलावा इसे सोम प्रदोषम या चंद्र प्रदोषम भी कहते हैं. प्रदोष व्रत में भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है. जानिए सोम प्रदोष व्रत की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में.

सोम प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार दिसंबर महीने का पहला प्रदोष व्रत और मार्गशीर्ष महीने का आखिरी 05 दिसंबर 2022 को है. सोम प्रदोष व्रत के शुभ मुहूर्त अनुसार स्म्ध्या उपासना के साथ तिथि आरंभ एवं शुभ समय इस प्रकार रहेगा :-
मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारम्भ 05 दिसंबर 2022, सोमवार प्रातः 05:57 बजे से होगा. मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष त्रयोदशी तिथि की समाप्ति मंगलवार 06 दिसंबर 2022 को प्रात: 06:47 बजे तक होगी. सोम प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त अनुसार उदयतिथि के अनुसार सोमवार 05 दिसंबर को सोम प्रदोष व्रत रखा जाएगा और पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05:33 से 08:15 बजे तक रहेगा.

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सोम प्रदोष व्रत पूजा विधि
प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहे. इसके बाद घर के पूजा मंदिर की सफाई करने के पश्वात भगवान की स्थापना करनी चाहिए. प्रदोष व्रत में सुबह पूजा करने के बाद शाम को भगवान शिव की भी पूजा की जाती है. पूजा में सबसे पहले एक पात्र में शुद्ध जल भरकर शहद से शिवजी का अभिषेक करना चाहिए.

भगवान का अभिषेक करते समय "ऊँ सर्वसिद्धि प्रदाय नमः" या "ऊँ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करना उत्तम होता है. पूजा में भगवान शिव को बेलपत्र, अक्षत, गंगाजल, धूप, फूल और फल चढ़ाने चाहिए. अब सोम प्रदोष व्रत की व्रत कथा पढनी और चुननी चाहिए. इस दिन शिव चालीसा का पाठ करना भी बहुत शुभ होता है. पूजा के बाद भगवान शिव की आरती करनी चाहिए और हाथ जोड़कर पूजा पूरी करनी चाहिए.

सोम प्रदोष व्रत का महत्व
शास्त्रों में प्रदोष व्रत को विशेष व्रतों में से एक बताया गया है. इस दिन श्रद्धापूर्वक व्रत करने और पूजा करने से भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त होती है. ऐसा माना जाता है कि प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है और वह जीवन भर कई परेशानियों और कष्टों से मुक्त रहता है.

 

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