Shani Sade Sati : नए साल पर इस राशि पर रहेगा शनि साढ़ेसाती का सबसे कष्टकारी चरण, जानें उपाय
नया साल अब कुछ ही दिनों में शुरू होने वाला है। हर एक जानना चाहेगा की राशि के अनुसार उसके लिए नया कैसा होगा। वैदिक ज्योतिष में ग्रहों की गणनाओं और ज्योतिषीय विश्लेषण से आने वाले साल की भविष्यवाणियां की जाती है। नए साल में गुरु, राहु और शनि जैसे बड़े ग्रह और प्रभावशाली ग्रहों का राशि परिवर्तन होगा। इस परिवर्तन से हर व्यक्ति पर बुरा असर पड़ेगा।
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साल के पहले ही महीने में कर्मफल दाता शनि मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में गोचर करेंगे। शनि के अपनी दूसरी राशि यानी कुंभ में स्थान परिवर्तन करने से कुछ राशियों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी तो कुछ से खत्म होगी। कुछ पर शनि की साढ़े साती होगी तो कुछ पर शनि की ढईया होगी। आइए जानते है की किन किन पर नए साल में शनि की साढ़े साती होगी।
क्या होती है शनि की साढ़ेसाती और उसके चरण
शनि के साढ़े साती बहुत ही कष्ठदाई होता है। किसी–किसी के राशि में शनि की दशा साढ़ेसाती होती है या फिर ढईया की दशा होती है। लेकिन अगर जिस भी व्यक्ति के राशि में शनि की साढ़ेसाती की दशा चलती है , उसके जीवन में कई सारी परेशानियां आती रहती हैं। उसे किसी भी काम में , तात्पर्य की व्यापार संबंधी या फिर नौकरी में हो तो उसे सफलता मिलना बहुत ही मुश्किल हो जाता है। व्यक्ति को न जानें कितने तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता हैं। उसे कही भी शांति नहीं मिलती है।
ज्योतिष गणना के अनुसार किसी जातक पर शनि साढ़ेसाती तब लगती है जब जन्म राशि से 12वें, पहले और दूसरे भाव में शनि संचरण करते हैं। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक शनि की साढ़ेसाती के 3 चरण होते हैं। पहला चरण , दूसरा चरण और तीसरा चरण। पहले चरण को उदय चरण कहते हैं, दूसरे को शिखर चरण और तीसरे को अस्त चरण कहते हैं।
साढ़ेसाती का उदय चरण
ज्योतिष के अनुसार ग्रहों में सबसे धीमा चल शनि का होता है। जिसके भी राशि में शनि का प्रवेश होता है धन संबंधी नुकसान और व्यापार में घाटा उठाना पड़ा सकता हैं। अलग अलग राशियों पर शनि की दशा यानी किसी पर ढईया तो किसी पर साढ़े साती की दशा होती हैं। कई सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैं। लाख प्रयास करने के बाद ही कुछ कामों में सफलता मिलती है।
साढ़ेसाती का शिखर चरण
जिस भी व्यक्ति के राशि में शनि की साढ़ेसाती है, उसे तबियत को लेकर परेशानियां आएंगी। नौकरी या फिर व्यापार के क्षेत्र में असफलता मिलेगी। शनि का दूसरा चरण साढ़ेसाती का शिखर चरण होता है। शिखर चरण में शनि का साढ़ेसाती अपने चरम पर होती है। ज्योतिष शास्त्रों की मानें तो शनि का शिखर चरण बहुत ही घातक होता है।
जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
साढ़ेसाती का अस्त चरण
साढ़ेसाती का अस्त चरण तीसरे चरण कहलाता है। शनि के साढ़ेसाती की अस्त चरण को स्थिति से तात्पर्य इनकी चाल सात सालों तक धीमे धीमे चलता रहता हैं और आखिरी में आने तक इनका प्रभाव कम हो जाता है। लेकिन व्यक्ति को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता हैं और फिजुली खर्चें भी बहुत होने लगते है।
2023 में इन राशियों पर रहेगा साढ़ेसाती
शनि 30 साल बाद 17 जनवरी 2023 को कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। शनि के कुंभ राशि में गोचर करने से मीन राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी। इसके अलावा मकर और कुंभ राशि पर चल रही साढ़ेसाती जारी रहेगी।मीन राशि पर साढ़ेसाती का पहला चरण,कुंभ राशि पर दूसरा और मकर राशि पर अंतिम चरण होगा।
साढ़ेसाती के प्रभाव को कम करने के उपाय
शनि के साढ़े साती प्रभाव को कम करने के लिए आप शनिवार के दिन शनिदेव से जुड़े मंत्रों का जाप करें। इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। शनिवार के दिन हनुमान चालीसा पढ़े और काली चीजों का दान करें। शनि के प्रभाव को करने के लिए सबसे जरूरी बात की जरूरतमंदों की अपनी क्षमता के अनुसार दान करें। शनिवार के दिन शनिदेव मंदिर जाकर उनकी विशेष रूप से पूजा अर्चना करें।
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