इस बार शनि अमावस्या पर जरूर करें ये काम नहीं रहेगी कोई परेशानी
इस बार भाद्रपद माह की अमावस्या के दिन शनिवार का दिन दुर्लभ योग बना रहा है. साल भर में बहुत कम समय ऎसा होता है जब अमावस्या के समय पर शनिवार का दिन भी हो. इस बार ऎसा योग बन रहा है. शनि अमावस्या को शास्त्रों में बहुत ही विशेष समय माना है. यह दिन पितरों को तो प्रसन्न करने का होता ही है साथ में शनि देव के आशीर्वाद को पाने का भी उत्तम समय बन जाता है.
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शनि अमावस्या के दिन शनि देव के किसी भी दोष एवं क्रोध से आसानी से बचा जा सकता है. शनिअमावस्या का दिन सभी राशियों के लिए वरदान स्वरुप ही है. इस समय धनु, कुंभ, मकर, मिथुन और तुला राशि के लोगों को कुछ अधिक ही शनि देव का प्रभाव झेलना पड़ रहा है. ऎसे में यदि इस अमावस्या के दिन कुछ उपायों को कर लिया जाए तो ये बहुत शुभदायक होगा. क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन शनि देव से संबंधित उपाय करने से शनि देव जल्द प्रसन्न होते हैं.
शनि अमावस्या पर करें ये कार्य
हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास की अमावस्या 27 अगस्त, शनिवार को है. शनिवार को अमावस्या पड़ने के कारण इसे शनिचारी अमावस्या कहा जा रहा है. शनिवार को शनिदेव को समर्पित माना जाता है. ग्रहों के स्वामी शनि देव की इस समय कुछ राशियों पर तिरछी नजर है. शनि देव की कृपा न होने के कारण इन राशियों का समय भारी चल रहा है. ऐसे में शनि के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए शनिचारी अमावस्या का दिन बेहद खास माना जाता है.
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- शनि अमावस्या के दिन स्नान आदि करके व्रत का व्रत लें.
- शनि अमावस्या के दिन शनि मंदिर में जाकर वहां की सफाई करें.
- इसके बाद शनि देव की विधिवत पूजा करें.
- काले तिल मिलाकर सरसों के तेल से शनि देव का अभिषेक करें.
- अब शनिदेव को नीले फूल चढ़ाएं.
- शनि अमावस्या के दिन शनि के निमित्त गरीबों को दान इत्यादि करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है
- शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए शनि अमावस्या के दिन शमी वृक्ष की पूजा करें.
- शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
- शनि मंत्र का जाप करना चाहिए साथ ही शनि स्त्रोत का पाठ अवश्य करें.
शनि दोष दूर करने के आसान उपाय
- सूर्यास्त के बाद पीपल के पेड़ के पास दीपक जलाएं.
- शनि देव को तेल चढ़ाएं और पूजा करें.
- पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और उसकी पूजा करें, उसके बाद सात बार वृक्ष की परिक्रमा करें. पेड़ पर सूत अवश्य बांधें.
- प्रत्येक शनिवार की सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर तेल का दान करें.
- हनुमानजी को सिंदूर और चमेली चढ़ाएं.
- शनि चालीसा का पाठ करें.
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