Shailani Mata Mandir : इस मंदिर में रात्रि में सिंह पर सवार होकर आती हैं मां, किसी को रुकने की इजाजत नहीं
सैलानी माता मंदिर में हर रात , सिंह की सवारी करके आती हैं. इसलिए मंदिर परिसर या उसके आसपास रात के समय किसी भी व्यक्ति को रुकने नहीं दिया जाता। भक्त यहां अपनी मान्यता के अनुसार, माता को चुनरी इत्यादि चढ़ाते हैं.
नवरात्रि के नौ दिनों में भक्त पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं. नवरात्रि में जगह-जगह दुर्गा पूजा के पंडाल सजाए जाते हैं और मंदिरों में भी भक्तों की भारी उमड़ती है. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले में एक अद्भुत दुर्गा मंदिर है, जिसे भक्त सैलानी माता मंदिर के नाम से जानते हैं. इस मंदिर की ऐसी विशेषता है कि यहां दर्शन करने आए भक्त अगर मंदिर के अभयारण्य में स्नान करके पूजा-अर्चना करते हैं तो मां उनकी सभी मनोकामनाएं जरूर पूरा करती हैं
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मान्यताओं के मुताबिक, यहां प्रतिदिन रात में माता सिंह की सवारी करके आती हैं. इसलिए मंदिर परिसर या उसके आसपास रात के समय कोई नहीं रुक सकता है. भक्त यहां अपनी मान्यता के अनुसार, माता को चुनरी इत्यादि चढ़ाते हैं. नवरात्रि के अलावा प्रत्येक सोमवार, शुक्रवार और हर महीने की पूर्णिमा को भक्त यहां दूर-दूर से आते हैं और विधिवत हवन-पूजन के साथ माता के मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं.
भक्त की पूरी होती है मनोकामना:
मंदिर के पुजारी वासुदेव दास के मुताबिक, जो भक्त सच्चे मन से यहां विधिवत पूजा-अर्चना करता है और अपनी मनोकामना मांगता है, माता उसकी मनोकामना जरूर पूर्ण करती हैं. भक्त यहां अपनी मन्नत मांगने के लिए चुनर और धागे से गांठ भी लाते हैं.
श्रद्धालुओं के मुताबिक, जिन भक्तों की मनोकामना पूरी होती है, वह यहां घंटा, प्रसाद आदि चढ़ाकर पूरे विधि-विधान से पूजा करते हैं. भक्त यहां अपने बच्चों का मुंडन संस्कार भी करते हैं और महिलाएं भी पिन्नी, दुरदरइया समेत कई विशेष पूजा करती हैं.
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मंदिर का अद्भुत अभयारण्य है खासियत:
माता सैलानी देवी मंदिर परिसर में एक अभयारण्य भी है. इस अभयारण्य की खासियत है कि यहां का पानी कभी नीचे नहीं जाता और पानी लगातार निकलता रहता है. मान्यता के अनुसार, जैसे-जैसे भक्तों की संख्या बढ़ती है, वैसे-वैसे इस अभयारण्य का पानी ऊपर आता जाता है.
इस अभयारण्य का पानी मंदिर के पास से ही गुजरी गोमती नदी में जाकर मिलता है. इस अभयारण्य में रंग-बिरंगी मछलियां तैरती हुई नजर आती हैं. मान्यता ये भी है कि यहां स्नान करने के बाद माता की पूजा करने से लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
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