शिव पूजा करते समय इन बातों का रखें खास ख्याल
शिव पूजा या शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर चंदन का लेप लगाकर शुरुआत करनी चाहिए और भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए. सबसे पहले शिवलिंग को पंचामृत से स्नान कराया जाता है. इसके बाद 'ऊँ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करना चाहिए. साथ ही भगवान शिव की पूजा के बाद गाय के उपले को तिल, चावल और घी से जलाना चाहिए. फिर किसी एक पूरे फल का भोग लगाएं. लोग आमतौर पर सूखा नारियल चढ़ाते हैं. इस दिन व्रत रखने, ब्राह्मणों को भोजन कराने और दीपदान करने से व्यक्ति को मुक्ति प्राप्त होती है तथा वह स्वर्ग को प्राप्त कर सकता है.
सावन का समय शिव के पूजन एवं त्यौहार का होता है और पूरे भारत में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है, इसमें भक्त भगवान शिव की पूजा करते हैं. मान्यता है कि इस पूरे माह पर भगवान शिव सभी की मनोकामनाएं पूरी करते हैं और अपने भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि लाते हैं. लोग इन दिनों व्रत भी रखते हैं और मंत्रों का जाप भी करते हैं. गंगा नदी से बेल पत्र, दूध, फल और जल चढ़ाकर भगवान से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.
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यहां ऐसी चीजें दी गई हैं जो आपको शिवलिंग पर चढ़ानी चाहिए और क्या नहीं.
हल्दी
हल्दी को पवित्र माना जाता है और कई शुभ अवसरों पर इसका प्रयोग किया जाता है, भगवान शिव के प्रतीक शिव लिंगम को हल्दी नहीं चढ़ाया जाता है.
कुमकुम
कुमकुम को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है, लेकिन शिव को वैरागी माना जाता है, इसलिए शिवलिंग पर कुमकुम नहीं चढ़ाना चाहिए.
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खंडित चावल
पूजा करते समय टूटे हुए चावल को अशुद्ध माना जाता है. इसलिए शिवलिंग पर हमेशा अक्षत यानी साबुत चावल के दाने चढ़ाने चाहिए.
तुलसी
हिंदू धार्मिक समारोहों में तुलसी या तुलसी के पत्ते का बहुत महत्व है, हालांकि, किसी को भी इसे भगवान शिव को नहीं चढ़ाना चाहिए. शिव पुराण की एक कथा के अनुसार, जालंधर नाम के एक राक्षस को भगवान शिव के हाथों मारा गया था. जालंधर को वरदान मिला था कि उसकी पत्नी की पवित्रता के कारण उसे कोई नहीं हरा सकता. हालाँकि, जालंधर को मारने के लिए, भगवान विष्णु को तुलसी की पवित्रता को तोड़ना पड़ा. अपने पति की मृत्यु से नाराज तुलसी ने भगवान शिव का बहिष्कार किया और इसलिए शिवलिंग पर तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाए जाते.
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए चढ़ाएं ये चीजें:
धतूरा
ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव धतूरा से प्रसन्न होते हैं और इसलिए इसका उपयोग शिव पूजा एवं शिवरात्रि पर पूजा करने के लिए किया जाता है.
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भांग
भगवान शिव को भांग प्रिय भी कहा जाता है. लोककथाओं के अनुसार, जब महादेव ने 'समुद्र मंथन' के दौरान जहर का सेवन किया, तो उन्हें इसकी गर्मी महसूस होने लगी. गर्मी का मुकाबला करने के लिए, उन्होंने भांग का सेवन किया और इसलिए इसे पूजा के दौरान चढ़ाया जाता है.
पीपल के पत्ते
पीपल के पत्ते को पूजा के उपयोग कर सकते हैं. अगर आपको कहीं भी बेतपत्र नहीं मिल रहा है तो आप पीपल के पत्ते चढ़ा सकते हैं. यह भी महादेव को बहुत प्रिय है.
दूर्वा घास
पुराणों के अनुसार, दुर्वा को 'अमृत' कहा जाता है. ऐसा कहा जाता है कि जो लोग शिवलिंग पर दूर्वा घास चढ़ाते हैं, उन्हें लंबी उम्र का वरदान मिलता है.
पीपल के पत्ते
यदि आप शिवरात्रि पर 'बेल पत्र' लगाने में असमर्थ हैं, तो पीपल के पत्तों को प्रतिस्थापन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. वे महादेव को भी बहुत प्रिय हैं.
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