सावन के शनिवार को इन राशियों को करना चाहिए ये उपाय मिलेगा शनि देव का आशीर्वाद
सावन का शनिवार कई राशियों के लिए फायदेमंद साबित होगा. शनि देव कर्मों के दाता हैं हमारे कर्मों के अनुसार के मित्र भी हैं तथा ऎसे में शनिवार के दिन शिव, हनुमान जी का पूजन उत्तम होता है इसी के साथ शनि देव हेतु किए जाने वाले उपायों द्वारा शनि देव हमारे कर्मों को शुभता भी प्रदान करते हैं. शनि के किसी भी बुरे प्रभाव से बचने के लिए सावन माह के शनिवार को कुछ उपाय करना लाभकारी सिद्ध होता है.
सावन का हिंदू धर्म में काफी महत्व है. सावन का पवित्र महीना देवताओं के देवता भगवान महादेव को समर्पित माना जाता है. माना जाता है कि इस महीने में भोलेनाथ की विधिवत पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. शास्त्रों के अनुसार भोलेनाथ की कृपा से सभी प्रकार के दोषों से मुक्ति मिलती है और जीवन आनंद से भर जाता है. इस समय मकर, कुम्भ, धनु, मिथुन और तुला राशि के जातकों पर शनि देव का अशुभ प्रभाव पड़ रहा है. शनि के मकर राशि में होने के कारण मकर, कुम्भ, धनु पर साढ़ेसाती और शनि की ढैया मिथुन और तुला राशि में चल रही है.
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शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के कारण व्यक्ति को जीवन में आर्थिक, शारीरिक और मानसिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. भोलेनाथ की पूजा करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैया का अशुभ प्रभाव नहीं पड़ता है. शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित है. सावन के महीने में इस दिन शनिदेव की पूजा करने से अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है.
सावन के इस शनिवार को बन रहा है विशेष योग-
सावन के दूसरे शनिवार को सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और वृद्धि योग बन रहे हैं. सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग शाम 07:03 से अगले दिन सुबह 05:38 तक रहेगा. इसी के साथ चंद्रमा की बली स्थिति होगी चंद्रमा के वृष राशि में होने से यह शुभ समय काफी सकारात्मक फल देने वाला होगा. हमें फल प्रदान करते हैं. शनि देव भगवान शिव के भी परम भक्त रहे हैं और भगवान शिव के अवतार हनुमान जी हैं.
सावन शनिवार को उपाय से मिलने वाला लाभ
- शनि को अनुकूल लवान बनाने के लिए भगवान हनुमान, भगवान शिव, पीपल के पेड़, भगवान ब्रह्मा की पूजा करें ऎसा करने से शनि से संबंधित दोष के बुरे प्रभावों को दूर करता है.
- शनि चालीसा, दशरथ शनि स्तोत्र का पाठ करना चाहिए इससे प्रतिकूल भाव या राशियों में शनि की स्थिति, साढ़े साती सहित प्रतिकूल गोचर आदि के कारण होने वाले बुरे प्रभावों को कम करने में मदद मिलेगी.
- शनि मंत्र का जप करें ऊँ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नमः, रुद्राक्ष माला के साथ इस मंत्र का जाप फलदायी बनता है. यह शनि की साढ़े साती की खराब अवधि, शनि की महादशा या अंतर्दशा के लिए सबसे प्रभावी उपायों में से एक है.
- शनि के दुष्प्रभाव को दूर करने और शनि ग्रह को प्रसन्न करने के लिए हनुमान कवच, बजरंग बाण, हनुमान चालीसा का कम से कम 3 बार पाठ करना चाहिए.
- भगवान शिव पर सरसों के तेल से अभिषेक करें.
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