निर्जला एकादशी 2022, जो व्रत नहीं रख रहे हैं वो भी इस एकादशी पर न करें ये गलतियां
निर्जला एकादशी, जिसे भीमसेनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है, विष्णु की पूजा के लिए समर्पित सबसे महत्वपूर्ण एकादशी व्रत है. जैसा कि निर्जला शब्द से स्पष्ट है, इस एकादशी में भक्तों को पीने के पानी से परहेज करने की आवश्यकता होती है. इसलिए, व्रत के विशेष नियमों पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है. भगवान विष्णु के भक्त एकादश तिथि के दिन अर्थात ग्यारहवें दिन एकादशी व्रत का पालन करते हैं और चूंकि दो चंद्र पक्ष होते हैं ऎसे में माह में दो एकादशियों को रखा जाता है. भक्त दो बार व्रत रखते हैं, इसके अलावा, प्रत्येक एकादशी तिथि का एक विशिष्ट नाम और प्रासंगिकता होती है.
आईये जानें आज के दिन आप यदि किसी कारणवश एकादशी व्रत नहीम रख पा रहे हैं तो भी इस दिन के शुभ लाभ को कैसे प्राप्त कर सकते हैं और किन बातों से बच कर इस शुभ दिन का लाभ उठा सकते हैं:-
निर्जला एकादशी व्रत नियम
जैसा कि नाम से पता चलता है, निर्जला का अर्थ है बिना पानी के उपवास करना, जिसका अर्थ है कि भोजन और पानी के सेवन से बचना चाहिए. कुछ भक्त जो इस कठोर नियम को पालन नहीं कर पाते उन्हें कुछ अनाज से बचना ही चाहिए फल और दूध वाले आहार का विकल्प चुनना ज्यादा उचित होता है. इस व्रत का आध्यात्मिक दृष्टिकोण से तो महत्व है ही साथ ही ये व्रत आत्मिक मानसिक अनुशासन सिखाने का भी आधार बनता है. इस गर्म मौसम में सभी को पानी पिलाना भी इस व्रत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
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चावल का सेवन नहीं करें
जो लोग व्रत नहीं रख पाते हैं उन्हें इस दिन कुछ चीजों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. मान्यता है की इस दिन चावल खाना मना है. इस दिन चावल खाना अशुद्धता का प्रतीक बनता है. स्वास्थ्य एवं आध्यात्मिक दोनो ही दृष्टि से इस दिन चावल का सेवन निषेध बताया गया है. पौराणिक कथाओं के अनुसार चावल का सेवन एकादशी में करने से पाप का बोझ व्यक्ति पर दुगना हो जाता है.
सात्विक भोजन करना
एकादशी के दिन सात्विक भोजन एवं सदाचार पर बल दिया जाता है. इस दिन भूल कर भी गरिष्ठ एवं तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए. निर्जला एकादशी के दिन प्याज लहसुन जैसी चीजों मसूर दाल-चावल को छूना भी नहीं चाहिए. पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान ने इन वस्तुओं को श्राप दिया है जिसके कारण एकदशी के दिन यह वस्तुएं सेवन हेतु निषेध मानी जाती हैं. इस के अलावा इस दिन मूली बैंगन, और सेम इत्यादि का सेवन भी नहीं करना चाहिए.
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नॉनवेज से परहेज
निर्जला एकादशी के दिन को अत्यंत शुभ समय माना जाता है. इस दिन पर यदि आप व्रत धारण न भी कर रहे हों तो बःई आपको इस दिन मांस मदिरा इत्यादि का सेवन भूलकर नहीं करना चाहिए. आज का दिन सकारात्मक ऊर्जाओं का होता इस पवित्र समय पर अशुद्ध एवं गलत चीजों के सेवन से परहेज करना ही उचित होता है. आज के दिन शुद्ध आचरण, शुद्ध विचारों के साथ ब्रहमचर्य का पालन करना अत्यंत उत्तम होता है.
झूठ न बोलें
एकादशी के दिन किसी भी प्रकार के गलत शब्दों का उपयोग नहीं करना चाहिए. इस दिन जितना संभव हो सके संयम एवं नियंत्रण के साथ दिनचर्या को व्यतीत करना चाहिए. एकादशी के समय झूठ बोलना या गलत अपश्ब्द कहना अत्यंत खराब होता है. अत: इस दिन मौन पालन करते हुए अच्छे विचारों के साथ प्रभु भक्ति में दिन व्यतीत करना शुभस्थ होता है.
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