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Sawan Shivratri 2022: कब है सावन की शिवरात्रि, जानें तिथि, महत्व और पूजा की विधिl

MyJyotish Expert Updated 26 Jul 2022 01:42 PM IST
कब है सावन की शिवरात्रि, जानें तिथि, महत्व और पूजा की विधिl
कब है सावन की शिवरात्रि, जानें तिथि, महत्व और पूजा की विधिl - फोटो : Google
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कब है सावन की शिवरात्रि, जानें तिथि, महत्व और पूजा की विधिl


हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल सावन महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को सावन की शिवरात्रि मनाई जाती है. आइए जानें इस बार कब पड़ेगी सावन की शिवरात्रि.

सावन का महीना शिव पूजा के लिए सबसे  श्रेष्ठ माना जाता है. ये महीना भगवान शिव को समर्पित है. इस दौरान सावन सोमवार के व्रत रखे जाते हैं. और भगवान शिव की पूजा विधि-विधान से की जाती है. भक्त कावड़ यात्रा के माध्यम से भगवान शिव की आराधना करते हैं. माना जाता है कि पावन महीने में शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. सावन शिवरात्रि का भी विशेष महत्व है. हर साल सावन महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है. इस बार सावन शिवरात्रि कब पड़ रही है आइए जानते हैंl

सावन शिवरात्रि तिथि
इस बार सावन शिवरात्रि 26 जुलाई 2022, मंगलवार को मनाई जाएगी.

चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 26 जुलाई 2022, मंगलवार शाम 06 बजकर 46 मिनट से होगी.

चतुर्दशी तिथि का समापन – 27 जुलाई 2022, बुधवार रात 09 बजकर 11 मिनट पर होगा.

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सावन शिवरात्रि का महत्व
सावन की शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जाती है. इस दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हैं. भगवान शिव भक्तों के सभी कष्टों को दूर करते हैं. भगवान शिव सौभाग्य सुख, शांति और आरोग्य का आशीर्वाद देते हैं. ऐसा माना जाता कि इस दिन व्रत रखने से सारे पापों से मुक्ति मिलती है. वैवाहिक जीवन की सभी समस्याएं दूर होती हैं. शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से कुंवारी कन्याओं को सभी मनोवांछित वर की प्राप्ति होती है.

इस विधि से करें पूजा

सावन शिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठें. स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें. भगवान शिव का ध्यान करें. व्रत का संकल्प लें. इस दिन आप पूजा के लिए मंदिर जा सकते हैं या घर पर ही पूजा कर सकते हैं. इस दिन शिवलिंग का रुद्राभिषेक करें.
भगवान शिव का दूध, घी, गंगाजल, शहद शक्कर और गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करें. ऐसा करना बहुत ही शुभ माना जाता है.इसके बाद शिवलिंग पर सफेद चंदन, फल, बेलपत्र, धतूरा और फूल अर्पित करें. धूप और दीप जलाएं.सावन शिवरात्रि के दिन शिव चालीसा, शिव स्तुति, शिवाष्टक और शिव पंचाक्षर स्तोत्र मंत्र का जाप करें.इसके बाद शिवरात्रि की कथा सुने और भगवान शिव की आरती करें. प्रसाद अर्पित करें और सबको बांटे. इस विधि से पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है ऐसा माना जाता हैl

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