सावन में शिव पूजा से दूर होता है कालसर्प योग का अशुभ प्रभाव
काल सर्प दोष किसी भी व्यक्ति की कुंडली में सबसे खराब योगों में से एक होता है. कुंडली में अगर सभी ग्रह राहु और केतु के बीच में हों, तो इसका परिणाम तीव्र कालसर्प दोष का होता है और यदि सात ग्रहों में से एक भी अक्ष के बाहर पाया जाता है, तो काल सर्प दोष आंशिक है और इतना तीव्रीअसर नहीम देता है. काल सर्प दोष के कुछ सामान्य प्रभावों में जीवन में कई बाधाएं, शांति का अभाव, आत्मविश्वास की कमी, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं और आर्थिक क्षेत्र में कमी, ऋण कर्ज की समस्या, नौकरी और व्यवसाय की हानि, तनाव और चिंता, अपनों एवं दोस्तों द्वारा विश्वासघात, झगड़े जैसी स्थितियां शामिल होती हैं.
काल सर्प दोष के परिणाम हर व्यक्ति में अलग-अलग होते हैं. काल सर्प दोष किसी व्यक्ति के जीवन को कैसे प्रभावित कर सकता है इसका निर्धारण कुंडली के अन्य ग्रह स्थिति पर भी निर्भर करता है. कुंडली में राज योग और कुंडली में दो या दो से अधिक उच्च ग्रह होने से कालसर्प दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है. ऐसे मामलों में काल सर्प दोष का प्रभाव राहु और केतु की पीड़ित अवधि के दौरान ही अधिक स्पष्ट होगा.
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सावन माह में काल सर्प शांति कैसे की जाए ?
ज्यादातर लोग काल सर्प दोष की स्थिति से डरते हैं, लेकिन यह घबराने की बात नहीं है. कालसर्प दोष के प्रभाव को कम करने के लिए ज्योतिष हमेशा कुछ आसान और अत्यधिक लाभकारी उपाय बताता है. काल सर्प दोष के लिए एक अत्यंत चमत्कारिक उपाय सावन माह में की जाने वाली शिव पूजा भी है. यह एक सबसे प्रभावी उपाय होता है काल सर्प शांति के लिए जिसे सावन माह में विशेष रुप से किया जाना उत्तम फल प्रदान करता है.
काल सर्प दोष निवारण पूजा
राहु ग्रह को शांत करने और काल सर्प दोष के प्रभाव को कम करने के लिए एक विशेष पूजा की जाती है. यह पूजा विशेष रूप से त्र्यंबकेश्वर और कालाहस्ती के मंदिरों में की जाती है. इन क्षेत्रों में रहने वाले विशेषज्ञ पंडित इन मंदिरों में पूजा कर सकते हैं और उनकी स्थिति से बड़ी राहत पाने में आपकी मदद कर सकते हैं. लेकिन सावन माह में आप स्वयं उपायों द्वारा पूजा करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं.
सावन माह में भगवान शिव का नियमित पूर्जन इसमें अत्यंत सहायक होता है. इसी के साथ कुछ शक्तिशाली मंत्रों का जाप करना भी आवश्यक होता है. काल सर्प दोष से प्रभावित लोग महा मृत्युंजय मंत्र, श्री सर्प सूक्त, विष्णु पंचाक्षरी मंत्र और सर्प मंत्र सहित मंत्रों का जाप कर सकते हैं.
जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
सावन माह में पांच सिरों वाले सर्प राज की एक धातु या चांदी की आकृति खरीदें और इसे अपने घर की वेदी में स्थापित करके इसे कच्चे चावल पर रखें और देवता को प्रसन्न करने के लिए हल्दी भी चढ़ाएं तथा भगवान शिव का पूजन करें ऎसा करने से काल सर्प दोष शांति संभव होगी. इसी के साथ सावन माह में पवित्र नदियों में स्नान करना धर्म तीर्थों की यात्रा करना तथा जरूरतमंदों को दान में भोजन इत्यादि देना शामिल भी उत्तम कार्य होते हैं काल सर्प दोष शांति के लिए
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