सावन और भगवान शिव एक दूसरे के पूरक है।सावन को भगवान शिव का अति प्रिय माह माना जाता है।भोलेनाथ के बिना सावन का महीना अधूरा माना जाता है। सावन के महीने में जहाँ एक ओर मौका होता है भोलेनाथ को प्रसन करने का तो दूसरी तरफ इस बात का भी खास ख्याल रखना चाहिए कि गलती से भी ऐसा कोई कार्य ना हो जिससे भगवान शिव रूष्ट हो जाए।
शिवभक्त व पंडित आरके जोशी के अनुसार भगवान शिव जहां सावन में आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं, वहीं आपकी एक छोटी सी अनजाने में की गई गलती भगवान भोलेनाथ को नाराज भी कर सकती है। ऐसे में हर शिवभक्त को इसका ध्यान रखना चाहिए ।
पुरोहित जोशी जी के अनुसार शिव पूजा में बहुत सी ऐसी चीजें अर्पित की जाती हैं जो अन्य किसी देवता को नहीं चढ़ाई जाती, जैसे- आक, बिल्वपत्र, भांग आदि। इसी तरह शिव पूजा में कई ऐसी चीजें होती हैं जो आपकी पूजा का फल देने की बजाय आपको नुकसान पहुंचा सकती हैं।
1. शिव पूजा में वर्जित है शंख। मान्यता ऐसी है कि शंख भगवान विष्णु को बहुत ही प्रिय हैं लेकिन शिव जी ने शंखचूर नामक असुर का वध किया था इसलिए शंख भगवान शिव की पूजा में वर्जित माना गया है।
2. फूल: शिव को कनेर और कमल के अलावा लाल रंग के अन्य कोई फूल प्रिय नहीं हैं। शिव को केतकी और केवड़े के फूल चढ़ाने का भी प्रचलन नहीं है।
3. कुमकुम या रोली: शास्त्रों के माने तो शिव जी को कुमकुम और रोली नहीं लगाई जाती है।
4. हल्दी: धार्मिक कार्यों में भी हल्दी का महत्वपूर्ण स्थान माना गया है। लेकिन शिवजी की पूजा में हल्दी नहीं चढ़ाई जाती है। हल्दी उपयोग मुख्य रूप से सौंदर्य प्रसाधन में किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पुरुषत्व का प्रतीक है, इसी वजह से महादेव को हल्दी नहीं चढ़ाई जाती।
5. नारियल पानी: नारियल पानी से भगवान शिव का अभिषेक नहीं करना चाहिए क्योंकि नारियल को लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है इसलिए सभी शुभ कार्य में नारियल का प्रसाद के तौर पर ग्रहण किया जाता है। लेकिन शिव पर अर्पित होने के बाद नारियल पानी ग्रहण योग्य नहीं रह जाता है।
6 .तुलसी दल: तुलसी का पत्ता भी भगवान शिव को नहीं चढ़ाना चाहिए। इस संदर्भ में असुर राज जलंधर की कथा है जिसकी पत्नी वृंदा तुलसी का पौधा बन गई थी। शिव जी ने जलंधर का वध किया था इसलिए वृंदा ने भगवान शिव की पूजा में तुलसी के पत्तों का प्रयोग न करने की बात कही थी।
सौभाग्य और आरोग्य के लिए सावन शिवरात्रि पर अमरनाथ में कराएं महारुद्राभिषेक
ये तो बात हो गई कि शिव पूजन करते समय किन किन चीज़ो को निषेध माना गया है , आइए अब देखते है कि शिव पूजन के समय हमें किन चीज़ो को अवश्य शामिल करना है। भगवान शिव का तो नाम ही है भोलेनाथ अर्थात श्रद्धा और पूर्ण विश्वास से की गई प्रार्थना से ही वो खुश हो जाते हैं।
पंडित जोशी जी के अनुसार शिव पूजन में शिव अभिषेक और उस पर अर्पित की जाने वाली चीजें अलग-अलग महत्व रखती हैं।
1. जल मंत्रों का उच्चारण करते हुए शिवलिंग पर जल चढ़ाने से हमारा स्वभाव शांत और स्नेहमय होता है।
2. शिवलिंग पर केसर अर्पित करने से हमें सौम्यता मिलती है।
3 महादेव का चीनी (शक्कर) से अभिषेक करने से सुख और समृद्धि बढ़ती है। ऐसा करने से मनुष्य के जीवन से दरिद्रता चली जाती है।
4. इत्र शिवलिंग पर इत्र लगाने से विचार पवित्र और शुद्ध होते हैं। इससे हम जीवन में गलत कामों के रास्ते पर जाने से बचते हैं।
5. शिव-शंकर को दूध अर्पित करने से स्वास्थ्य हमेशा अच्छा रहता है और बीमारियां दूर होती हैं।
6. महादेव को दही चढ़ाने से स्वभाव गंभीर होता है और जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होने लगती हैं।
7. भगवान शंकर पर घी अर्पित करने से हमारी शक्ति बढ़ती है।
8. शिवजी को चंदन चढ़ाने से हमारा व्यक्तित्व आकर्षक होता है। इससे हमें समाज में मान-सम्मान और यश मिलता है।
9. भोलेनाथ को शहद चढ़ाने से हमारी वाणी में मिठास आती है।
10. औघड़- ऐसी मान्यता है कि अविनाशी शिव को भांग चढ़ाने से हमारी कमियां और बुराइयां दूर होती हैं।
ऐसे ही कुछ उपायों को अपना कर आप भी सावन मास में अपने आराध्य शिव को प्रसन कर सकते हैं।
यह भी पढ़े-
नवग्रह के मुख्य रत्न कर सकते हैं आपकी बीमारियों का इलाज
Sawan month 2021:-सावन की शिवरात्रि का व्रत रखते हैं तो कुछ बातों का रखें