वैसे तो सावन का पूरा महीना भगवान शिव की आराधना के लिए शुभ दिन है आप किसी भी दिन पूरे विधि विधान से पूजा करके भगवान शिव का आशीर्वाद पा सकते हैं | सावन की शिवरात्रि का बहुत महत्व माना जाता है अगर अगर कोई व्यक्ति किसी कारण से सावन के सोमवार के व्रत नहीं रख पाई तो वह सावन की शिवरात्रि का व्रत रख सकते हैं | हिंदी पंचांग के अनुसार कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मासिक शिवरात्रि होती है | यदि कोई मासिक शिवरात्रि का व्रत रखना चाहता है तो सावन की महाशिवरात्रि से प्रारंभ कर सकता है | सुख में जीवन पाने के लिए और स्वास्थ संबंधी समस्याओं से छुटकारा के लिए भी लोग सावन की शिवरात्रि का व्रत रखते है | और पूरे विधि विधान से पूजा करते भगवान शिव और माता पार्वती को पसंद करते हैं ताकि उनके आशीर्वाद से उनके जीवन जी समस्याओं से छुटकारा पा सके |
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पूजा की विधि:-
सुबह नहा धोकर मंदिर जाएं या अपने ही घर के मंदिर में पूजा करें शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, गंगाजल से उनका स्नान करवाएं | चंदन, इत्र लगाए | और भगवान शिव को भांग, धतूरा, सफेद फूल,सफेद चंदन, घास आदि अर्पित करें और भगवान शिव को प्रसाद अर्पित करें और और शिवलिंग के आगे दीपक और धूप बत्ती जलाएं और उनकी आरती गाकर आरती करें |
पूजा का मुहूर्त और तिथि:-
हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार सावन की शिवरात्रि 6 अगस्त को 6:28 पर शुरू होगी और 7 अगस्त 7:11 तक रहेगी |
मुहूर्त:-
रात्रि के दिन निशिता काल पूजा को उत्तम माना जाता है | निशिता काल 43 मिनट का है | निशिता काल 6 अगस्त को रात 12:06 मिनट से शुरू होकर 12:48 तक रहेगा |
सावन की शिवरात्रि के दिन इन बातों का ध्यान रखें:-
- सावन की शिवरात्रि के दिन काले रंग के कपडे नहीं पहनने चाहिए |
- सावन की शिवरात्रि के दिन व्यक्ति को क्रोध नहीं करना चाहिए नहीं तो उसको अपनी पूजा का फल नहीं मिलता और भगवान शिव की उससे नाराज हो जाते हैं |
- सावन की शिवरात्रि के दिन खट्टा का सेवन ना करें |
- सावन की शिवरात्रि के दिन तामसी भोजन से पूरी दुरी बना के रखे |
- किसी के लिए अपने मन में गलत विचार या गलत धारणा ना लाएं |
- परिवार में शांति बनाकर रखें और प्रेम से रहें |
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