सावन का महीना शिव उपासना के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। कहा जाता है की इस माह में शिव शंकर से मांगी समस्त मनोकामनाएं अवश्य ही पूर्ण होती है। भोलेनाथ को हिन्दू धर्म में आरण्य शक्ति के रूप में जाना जाता है। उनका स्वरुप दोनों की आकृतियों में विख्यात बताया गया है फिर चाहे वह सौम्य हो या फिर रूद्र। शिव के गले में विराजित सर्प का शिव भक्ति में एक अहम स्थान होता है। मान्यताओं के अनुसार शिव जी ने यह सर्प विश्व को सिख प्रदान करने के लिए धारण किया है की भले ही कोई जीव कितना ही विषैला हो , प्राकृतिक तौर पर उसका भी एक महत्वपूर्ण योगदान है। कहा जाता है की नागपंचमी के दिन महादेव की आराधना के समय यदि कालसर्प दोष से परेशान व्यक्ति पूजन करता है तो उसके सभी कष्ट दूर हो जातें है।
सावन माह में बुक करें शिव का रुद्राभिषेक , होंगी समस्त विपदाएं दूर
क्या है काल सर्प दोष ?
मान्यताओं के अनुसार जब सभी ग्रह राहु एवं केतु के मध्य में आकर किसी भी व्यक्ति की कुंडली में स्थित हो जातें है तो उन्हें काल सर्प दोष का भार उठाना पड़ता है। काल सर्प दोष बहुत ही नुकसान पंहुचा सकता है , जिसके कारण इसका शीग्र ही निवारण करना बहुत ही आवश्यक होता है। कहा जाता है की काल सर्प दोष पिछले जन्म के किसी बुरें अपराध के दोष स्वरुप व्यक्ति को अनुभव करना पड़ता है। इस दोष के कारण वह अपने वर्त्तमान जीवन में आर्थिक एवं शारीरिक रूप से सदैव ही परेशान रहता हैं। महादेव की कृपा से इस दोष का निवारण संभव है। इस दोष से केवल महादेव का आशीर्वाद ही भक्तों को मुक्ति प्राप्त करवाने में सक्षम हो पता है।
काल सर्प दोष पूजा - नागवासुकि मंदिर , प्रयागराज
किस प्रकार की विपदाओं का सामना करता है कालसर्प दोष से परेशान व्यक्ति ?
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में काल सर्प योग रखता है तो वह अक्सर अपने सपनों में मृत लोगों की तस्वीरें देखता है। उसे अपने मृत पूर्वजों या हाल ही में दिवंगत परिवार के सदस्यों को देखते हैं। उसे सपने में किसी का गला घोंटने की कोशिश करने का अनुभव होता है।वह अपने घर और जल निकायों का भी सपना देख सकते हैं। ऐसा कहा जाता है कि काल सर्प के प्रभाव में रहने वाले अपने परिवार और समाज के लिए समर्पित होते हैं। वह प्रकृति में सामाजिक, पोषण और निःस्वार्थ होतें हैं। वह लालची या आत्म-केंद्रित नहीं होतें हैं। कुंडली में मौजूद इस योग के कारण उन्हें जीवन में संघर्ष करना पड़ता है और अपनी जरूरत के समय में अकेलापन महसूस होता है। इसलिए इसका निवारण जरुरी होता है।
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