Saubhagya Sundari Vrat 2022: सौभाग्य सुंदरी व्रत का शुभ मुहूर्त और महत्व, जानिए सब कुछ
सुहागन महिलाएं सौभाग्य और जीवन साथी के सुख को पाने के लिए इस व्रत को करती हैं. सौभाग्य सुंदरी व्रत मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है. इस दिन स्त्रियां अपने परिवार की खुशहाली के लिए पूजा एवं व्रत का अनुसरण करती हैं. आइए जानते हैं इस व्रत का शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में विस्तार पूर्वक
मात्र रु99/- में पाएं देश के जानें - माने ज्योतिषियों से अपनी समस्त परेशानियों
सौभाग्य सुंदरी व्रत वैवाहिक जीवन के लिए अत्यंत ही शुभ समय होता है तथा जिनका विवाह होने में को परेशानी हो रही हो तो उन्हें भी इस व्रत का शुभ लाभ प्राप्त होता है. सुखी जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण पर्व है.
यह दिन, जिसे सौभाग्य सुंदरी व्रत या सौभाग्य सुंदरी तीज के नाम से भी जाना जाता है. इस पर्व को उत्तर और दक्षिण भारत में विवाहित महिलाओं द्वारा मनाया जाता है. पारंपरिक हिंदू कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष के महीने के दौरान 'कृष्ण पक्ष' की तृतीया तिथि को मनाया जाता है.
तृतीया तिथि को माता गौरी की जन्म तिथि माना जाता है. माता पार्वती ने इस तिथि को घोर तपस्या करके शंकर जी को वर रूप में प्राप्त किया था, इसके बाद गणेश और कार्तिक के दो पुत्र प्राप्त हुए, तब से मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष के तीसरे दिन सौभाग्य सुंदरी का व्रत किया जाता है.
वैवाहिक जीवन में शुभता की प्राप्ति का उपाय
सौभाग्य सुंदरी व्रत विवाहित महिलाएं करती हैं. हिंदू धर्म में इस व्रत का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है. मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष की तृतीया को भगवान शंकर और माता पार्वती का विशेष पूजन होता है.
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार यदि विवाहित महिलाएं इस व्रत को करती हैं तो उन्हें शाश्वत सौभाग्य की प्राप्ति होती है. इस व्रत को करने से दांपत्य जीवन में मधुरता बढ़ती है और मांगलिक दोष भी दूर होते हैं. तो आइए अब आपको बताते हैं पूजा मुहूर्त और इस व्रत के महत्व के बारे में.
सौभाग्य सुंदरी व्रत मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि 11 नवंबर को समाप्त हो रही है. इसलिए सौभाग्य सुंदरी व्रत 11 नवंबर को मनाया जाएगा. इस व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 9.22 बजे से 10.43 बजे तक है. साथ ही इस वर्ष सौभाग्य सुंदरी व्रत के अवसर पर शिव और सिद्ध योग बन रहे हैं. ये दोनों योग शुभ कार्यों के लिए बहुत शुभ माने जाते हैं.
जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
- सौभाग्य सुंदरी व्रत के दिन भक्त सूर्योदय से पहले उठ जाते हैं और स्नान करने के बाद व्रत की रस्म शुरू हो जाती है.
- विवाहित महिलाएं इस दिन सोलह श्रृंगार करती हैं.
- सौभाग्य वस्तुओं को भी देवी मां को अर्पित किया जाता है.
- सौभाग्य सुंदरी तीज के अवसर पर विवाहित महिलाएं देवी पार्वती की पूजा करती हैं.
- भगवान शिव और देवी पार्वती की विधिपूर्वक पूजा की जाती है. मंदिर स्थल पर भगवान शिव और देवी की मूर्तियां स्थापित हैं. प्रभु के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित किया जाता है. मोली, रोली, चावल, सुपारी और पान चढ़ाया जाता है. पूजा के दौरान सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है. सौभाग्य सुंदरी तीज पूजा करते समय भगवान शिव के परिवार के साथ नौ ग्रहों की भी पूजा की जाती है. इस दिन भक्तों के लिए देवी पार्वती को चढ़ाने के लिए एक विशेष भोग तैयार किया जाता है. पूजा के बाद दान-पुण्य का कार्य भी किया जाता है.
ये भी पढ़ें
- Vastu Tips : वास्तु के अनुसार घर में इस पौधे को लगाते ही हो जायेंगे मालामाल
- Jyotish Remedies: भगवान शिव को भूलकर भी अर्पित न करें ये चीजें
- Jyotish shastra: राहु का विवाह और संबंधों पर पड़ता है गहरा असर
- Jyotish Remedies: चंद्रमा का असर क्यों बनाता है मेष राशि को बोल्ड
- सिंह राशि के लिए साल 2022 रहेगा सफलता से भरपूर, पढ़े क्या होगा ख़ास
- जानिए कैसे बुध का गोचर व्यक्ति के लिए प्रभावी