खास बातें
Brahmasthan: अगर आपके घर का मध्य स्थान, जिसे ब्रह्मस्थान भी कहा जाता है, वह सही नहीं बनाया गया है, तो आपको काफी नुकसान झेलना पड़ सकता है। आइए जानते हैं कौन से हैं वो नुकसान और नुकसान से बचने के उपाय।कैसे जानें की घर का ब्रह्म स्थान कहां है?
घर के ब्रह्म स्थान को जानने के लिए किसी भूखण्ड या मकान की लम्बाई को 3 भागों में बांटिए, फिर उसकी चौड़ाई को 4 भागों में बांटने के बाद सारे भागों को रेखाओं के माध्यम से इस तरह से मिलाएं कि वह चौकोर आकार में नजर आने लगे। इस प्रकार नौ वर्ग, आयात चौभुजा बन जाएंगे। इनमें से सबसे बीच वाला भाग ब्रह्म स्थान होता है।
घर के मध्य भाग का वास्तु दोष
1. बहुत से घरों में देखा गया है कि बीच में गड्ढा होता है।
2. घर के बीचों बीच कोई खंभा गड़ा हो, टॉयलेट या बाथरूम बना हो या किसी भी प्रकार का भारी सामान रखा हो।
3. अक्सर लोग यदि 15 बाई 50 या 20 बाई 60 का मकान है, तो उसके बीचोबीच लेट-बाथ बना लेते हैं।
4. इस स्थान पर भारी सामान रखना या निर्माण कार्य करना भी गलत है। यह स्थान ईशान की तरह खाली होना चाहिए।
ब्रह्म स्थान में दोष से क्या होगा नुकसान?
1. ऐसे घरों में कुछ न कुछ घटनाक्रम चलते ही रहते हैं, जैसे रोग, दुर्घटना या कोई दुख पीछे लगा रहता।
2. घर के सदस्यों के दिमाग में शांति नहीं रहती है। मानसिक बेचैनी बनी रहती है।
3. इससे घर-परिवार में सहजता और सृजनात्मक गतिविधियों का ह्रास होता है।
4. घर में ऐसा हो तो रहने वालों के बीच दूरियां बढ़ती हैं। परिवार में सुख-शांति घटती है।
5. घर परिवार की सभी काम अटक जाते हैं और तरक्की रुक जाती है।
कैसा होना चाहिए ब्रह्म स्थान?
1. ब्रह्म स्थान खुला होना चाहिए या किसी भी प्रकार का निर्माण नहीं होना चाहिए।
2. ब्रह्म स्थान में बीम, पीढ़ी, छज्जा और यहां तक की छत भी नहीं होना चाहिए।
3. ब्रह्म स्थान में किसी भी प्रकार की गंदी, नई-पुरानी, छोटी या बड़ी वस्तु नहीं रखना चाहिए।
4. ब्रह्म स्थान ठीक कर लेने से ईशान कोण का दोष व्यक्ति को कम प्रभावित करता है।
ब्रह्म स्थान के दोष दूर करने के उपाय
1. ब्रह्म स्थान में निष्काम भाव से सत्संग, पूजा, आरती और हरिकीर्तन करें।
2. हनुमान चालीसा, गीता, रामायण आदि का नियमित पाठ करें।
3. पूरे घर को साफ सुथरा बनाकर रखें और घर में प्रतिदिन सुगंध फैलाएं।
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