खास बातें
Vastu Dosh For East Direction: यदि आपके घर की उत्तर दिशा में किचन, नलकूप, टूटी हुई दिवार आदि है, तो यह उत्तर दिशा वास्तु दोष उत्पन्न करवा सकते हैं। इसके अलावा उत्तर दिशा वास्तु दोष के कई और कारण भी होते हैं, जिसका परिणाम अक्सर परिवार के लोगों को भुगतना पड़ता है।वास्तु पूजां प्रकुर्वीत गृहारम्भे प्रवेशने च ।
वास्तु पूजां अकुर्वाण: तवाहारो भविष्यति ।।
विश्वकर्मा प्रकाश ग्रंथ के इस तथ्य के अनुसार, जब भी घर बनाने के लिए आप भूमि लें तो उस भूमि की जांच कर लें व नियम के अनुसार पूजा कर लें। फिर भवन बनाने से पूर्व भी भूमि पूजन कर लें और भवन बनाने के बाद प्रवेश पूजा और वास्तु पूजा करवानी चाहिए।
उत्तर दिशा वास्तु दोष के कारण Vastu For East Direction
- यदि आपका मुख्य द्वार उत्तर दिशा की ओर है और उत्तर दिशा में मंदिर या पूजास्थल, मेहमान कक्ष या फिर कार्यस्थल है, तो यह शुभ संकेत देता है। वहीं दूसरी ओर यदि आपका उत्तरी दिशा की कोई दीवार टूटी हुई है या फिर उस दिशा में कोई दरार है, तो वह व्यक्ति स्त्री के कारण परेशान रह सकता है।
- यदि आपका उत्तर दिशा में जल संचय या कुएं का स्थान है, तो इसका अर्थ है कि आपको पहले से ही किसी भी घटना का पूर्वाभास रहेगा और आपकी छठी इंद्री हमेशा जागृत रहेगी। इसके अलावा इस दिशा में यह नहीं होने पर घर की स्त्री को किसी भी अज्ञात परिस्थिति का शिकार बनना पड़ सकता है।
- यदि आपकी रसोई, घर की उत्तर दिशा में है, तो घर में रोजाना कलह की स्थिति पैदा होती रहेगी।
- इसके साथ ही यदि उत्तर दिशा में किचन के साथ बाथरूम है तो घर में भाइयों में प्रेम तो रहेगा, लेकिन घर की महिलाएं लड़ती- झगड़ती रहेंगी।
- उत्तर दिशा में पानी का नल या नलकूप होना भी अशुभ माना जाता है, ऐसी स्थिति में घर की लक्ष्मी आपके पास होते हुए भी दूसरों के पास चली जाती हैं।
- यदि घर की उत्तर दिशा में वस्तुओं का संग्रह स्थान बनाया गया है या फिर उत्तर दिशा का गलियारा खाली और संकरा है, तो माना जाता है कि उस घर के लोग दुर्भाग्यशाली होते हैं, जिसके कारण धीरे-धीरे उनकी संपत्ति खत्म होने लगती है।
- घर की उत्तरी दिशा में व्यर्थ की सामाग्री, कूड़ा, गोबर आदि होना आर्थिक नुकसान के संकेत देता है।
उत्तर दिशा वास्तु दोष निवारण
वास्तु दोष निवारण के लिए वास्तु दोष निवारण पूजा को सर्वोत्तम माना जाता है, लेकिन इसके अलावा आप उत्तर दिशा का वास्तु दोष खत्म करने के लिए निम्न उपाय अपना सकते हैं-
- अपने पूजाघर में बुध यंत्र रखें।
- घर की दीवारों को हरे रंग से रंग दें।
- प्रत्येक बुधवार को प्रात: स्नान के बाद व्रत का पारण करें।
- घर में यदि डोरबेल है तो उसमें तोते की आवाज लगाएं।