- जिन जातकों की जन्म कुंडलियों में केतु लग्न में होगा उनके चेहरे पर अलग तरह का प्रकाश रहेगा । अपने तेज और प्रभाव से ऐसे लोग अपनी पहचान अलग बनाने हेतु सक्षम होतें है।
- किसी भी व्यक्ति की जन्मकुंडली में अगर केतु लग्न से दूसरे भाव में हो तो ऐसा व्यक्ति विद्याओं में अच्छा होता है, किंतु धन के अभाव में उसे कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ता सकता हैं।
- जिन जातकों की जन्मकुंडलियों में केतु लग्न कुंडली से तीसरे पराक्रम भाव में रहते हैं उनके लिए यह किसी वरदान से कम नहीं होता। किन्तु परिवर्तन से भाइयों में मतभेद हो सकता है।
- जिनकी जन्मकुंडली में केतु चतुर्थ भाव में बैठे हो उसे मानसिक अशांति देते हैं। माता-पिता से भी दूरी रहती हैं। कार्य व्यापार में विकास हो सकता है।
- जिनकी जन्मकुंडली में केतु पंचम भाव में स्थित हो ऐसे लोगों में सृजनात्मक शक्ति रहती है। प्रेम संबंधों के मामलों में उदासीनता रह सकती है।
- जिनकी जन्मकुंडली में केतु छठे भाव में बैठे हो वह व्यक्ति शत्रुमर्दी होते है। कोर्ट कचहरी से जुड़े मामलों में निरंतर सफलता मिल सकती हैं। इस परिवर्तन के दौरान अधिक कर्ज के लेन-देन से बचें ।
- जिनकी जन्म कुंडली में केतु सातवें भाव में बैठे हो ऐसे लोगों को दांपत्य जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता हैं,जिसका दुष्प्रभाव धीरे-धीरे स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता हैं।
- आठवें भाव में केतु - जिनकी जन्मकुंडली में केतु इस भाव में विराजमान हो, उनके जीवन में संघर्ष होगा।
Rahu Ketu Transit 2020: राहु - केतु राशि परिवर्तन, जानें इसके शुभ - अशुभ प्रभाव
राहु एवं केतु किस प्रकार आपकी कुंडली को प्रभावित कर सकतें है ?
यदि आप है कोर्ट केस और मुकदमों से परेशान, तो जरूर करें यह उपाय !