मनुष्य जीवन एक ऐसा जीवन हैं जिसमें भविष्य को लेकर जानकारी प्राप्त करने के लिए सबसे अच्छा साधन ज्योतिष विद्या को माना गया हैं। ज्योतिष विद्या को एक महान विज्ञान माना गया हैं। इसमे होने वाले भविष्यवाणी इसे विज्ञान बनाती हैं। हालांकि कुछ लोग इसपर आंख मूंद कर विश्वास कर लेते हैं और कुछ लोग इस पर बिल्कुल विश्वास नहीं करतें।
ज्योतिष विद्या में राहु-केतु को बहुत महत्व दिया गया हैं। राहु-केतु व्यक्ति के जीवन में बहुत असर डालता हैं । राहु के संबंध में कहा जाता हैं कि यह कुंडली के बारह भावों के नियंत्रित करता हैं। जिसका असर जीवन पर पड़ता हैं । इसे एक क्रूर ग्रह भी कहा जाता हैं,पर अगर राहु कुंडली में मजबूत हो तो इससे बहुत अच्छे परिणाम भी मिलते हैं। जातक की कुंडली में अगर लग्नेश कमज़ोर होता हैं तो जातक जीवन में नकारात्मक सोच रखने बनता हैं।
घर बैठें श्राद्ध माह में कराएं विशेष पूजा, मिलेगा समस्त पूर्वजों का आशीर्वाद
जन्म कुंडली में चौथा ग्रह सुख का स्थान होता हैं। इन भावों में पाप ग्रह , शनि ,राहु , मंगल आदि होतें हैं । चतुर्थ भाव के कारक ग्रह चंद्रमा और बुध हैं , अगर चंद्रमा और बुध भी पाप ग्रह के प्रभाव में हो , तो जातक अधिकतर तनाव में रहता हैं।
नक्षत्रों में राहु , आद्रा ,स्वाति और शतभिषा नक्षत्रों के स्वामी होते हैं । राहु ग्रह को छाया ग्रह भी कहा जाता हैं।
केतु का एक प्रभाव जीवन पर यह भी है कि यह रातों की नींद ख़राब कर देता हैं। संतान की उत्पत्ति में रुकावट , ग्रह कलेश , बच्चों से संबंधित परेशानियां सब केतु के दुष्प्रभाव से होती हैं।
इस पितृ पक्ष गया में कराएं श्राद्ध पूजा, मिलेगी पितृ दोषों से मुक्ति : 01 सितम्बर - 17 सितम्बर 2020
राहु ससुराल पक्ष का कारक होता हैं , इसके भारी प्रभाव से ससुराल के साथ रिश्तों में बुरा असर पड़ता हैं।
राहु की दशा में आया व्यक्ति बेईमान और धोकेबाज़ बन जाता हैं । जिससे उसकी तरक्की रुक जाती हैं , राहु का भारी होना मतलब दिमाग मे खराबियां आना। व्यर्थ में दुश्मनी करना , बेवजह चोट लगना सब राहु के दुष्प्रभाव के परिणाम है।
वही जहाँ राहु-केतु अच्छे होते हैं वो जातक साहित्यकार , वैज्ञानिक आदि में उसका विकास होता हैं । इसका दूसरा अच्छा प्रभाव यह भी है कि व्यक्ति की कुंडली मे राजयोग बन जाता हैं।
यह भी पढ़े :-
Shradh 2020 Dates- जानें श्राद्ध प्रारम्भ तिथि एवं महत्व
श्राद्ध पूजा 2020 : क्या है विशेष, जानें मान्यता
श्राद्ध 2020 : कब से प्रारम्भ हो रहें है श्राद्ध, जानें महत्वपूर्ण तिथियाँ