पूजा के बाद बची हुई सामग्री को इस तरह करें इस्तेमाल , घर में रहेगी बरकत !
पूजा पाठ के बाद बची हुई सामग्री को अक्सर जल में प्रवाहित कर दिया जाता है. लेकिन आप चाहे तो इस सामग्री का प्रयोग दूसरे काम के लिए भी कर सकते हैं. ऐसे ही सामग्री आपको आपके परिवार में बरकत लाने का काम करती हैl
जब भी घर में किसी विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है. तो उसमें पूजा के बहुत से सामान का उपयोग होता है. परंतु जब पूजा के बाद यह सब चीजें बच जाती हैं, तो अधिकतर लोग इनको जल में प्रवाहित करा देते हैं, लेकिन पूजा की हर सामग्री को जल में प्रवाहित कराना जरूरी नहीं होताl यदि आप चाहें तो इस सामग्री से अपने परिवार में सुख समृद्धि ला सकते हैं, अगर आप भी घर में किसी पूजा का आयोजन करने जा रहे हैं, तो इस बार यहां बताए जा रहे सभी को कोई जरूर आजमाइएगा .इसलिए अपने परिवार में बरकत बनी रहेगी. जानिए कि आपको पूजा की किस सामग्री का क्या उपयोग करना चाहिएl
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नारियल:
पूजा के नारियल को सभी घर के सदस्यों में प्रसाद के तौर पर बांट देना चाहिए. लेकिन अगर वह नारियल प्रसाद के तौर पर चढ़ाने वाला नहीं है, तो ,ऐसे में उस नारियल को आप लाल कपड़े में लपेटकर पूजा के स्थान पर रख सकते हैं. इसे शुभ माना जाता हैl
अक्षत:
अक्षत को धन-धान्य से जोड़कर देखा जाता हैl पूजा के बाद अगर थाली में अक्सर बच गया हो तो इसे घर घर में उपयोग होने वाले चावलों में मिला देना चाहिए. इससे घर में बरकत बनी रहती हो तभी की कमी नहीं होतीl
माता की चुनरी:
जो चुनरी आपने पूजा के दौरान माता रानी को चढ़ाई हो वह काफी शुभ मानी जाती है. उस चुनरी को आप अपने घर की अलमारी में रख सकते हैं. इससे आपके पास कभी भी वस्त्र की कमी नहीं होगी आप चाहे तो, चुनरी को किसी भी शुभ काम में मां के आशीर्वाद के रूप में पहन भी सकते हैं अगर वह पहनने - ओढ़ने के जितनी बड़ी हो तोl
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सुपारी:
पूजा के दौरान सबसे पहले गणपति को याद किया जाता है. ऐसे में कई बार पान के पत्ते पर स्वास्तिक बनाकर सुपारी को गणपति का प्रसाद मान कर बैठाया जाता है और उन्हें जनेऊ अर्पित किया जाता है पूजा के बाद आप सुपारी और जनेऊ को एक लाल कपड़े में बांधकर ऐसे स्थान पर रखें, जहां आपका ध्यान रखा जाता है. ऐसा करने से आपके घर में कभी धन की कमी नहीं होगीl
कुमकुम:
पूजा के बाद बचे हुए कुमकुम को महिलाओं को अपनी मांग में भरना चाहिए. यह अखंड सौभाग्य का प्रतीक है. अगर बिंदी, चूड़ी और मेहंदी को वह सिंगार के तौर पर इस्तेमाल करती हैं, तो इसमें कोई बुराई नहीं हैl
फूल माला किसी भी पूजा में फूल माला या फूलों का इस्तेमाल जरूर होता है अगर ऐसा ना हो तो पूजा अधूरी रहती है ऐसे में आप फूल माला है बच्चों को जाने के बाद तोड़कर अपने बगीचे में डाल दें यह नए पौधों के साथ आगे बगीचे में रुक सकते हैं
पूजा की सामग्री एजल में प्रवाहित करवाने से जल प्रदूषित होता है और नदी तालाब में रहने वाले जानवरों के लिए मौत का कारण भी बन सकता है. इसलिए पूजा की सामग्री का हमारे बताए हुए तरीके से उपयोग करना ज्यादा फायदेमंद होगा. ऐसा करने से जल भी प्रदूषित नहीं होगा और आपके घर में भी सुख समृद्धि का वास होगाl
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