कब है श्रावण माह का पहला प्रदोष व्रत, सोमवार के संयोग के साथ बन रहा है ये शुभ योग
हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. प्रदोष व्रत का विशेष महत्व रहा है यह समस्त दोषों को शांत करके शुभ फल प्रदान करता है. सावन के महीने में पड़ने वाला प्रदोष व्रत कई मायनों में खास होता है. सावन का महीना 14 जुलाई 2022 से शुरू हो गया है. सावन का महीना भगवान शिव की पूजा को समर्पित है. पंचांग के अनुसार सावन माह का पहला प्रदोष व्रत 25 जुलाई को मनाया जाएगा.
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श्रावण प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त समय
त्रयोदशी तिथि प्रारंभ, 25 जुलाई को सायं 16:16 बजे से
त्रयोदशी तिथि समाप्त 26 जुलाई को सायं 18:47 बजे होगी.
सोम कृष्ण प्रदोष व्रत सोमवार, जुलाई 25, 2022 को मनाया जाएगा.
प्रदोष पूजा मुहूर्त - 19:17 से 21:21 होगा
अवधि - 02 घण्टे 04 मिनट की रहेगी.
श्रावण प्रदोष व्रत पर बनने वाले शुभ संयोग
सावन माह को इस बार प्रदोष व्रत सोमवार के दिन पड़ेगा. सोमवार को होने के कारण यह सोम प्रदोष व्रत कहलाएगा. साथ ही सावन सोमवार व्रत के साथ प्रदोष व्रत का योग शुभ फलों को कई गुणा बढ़ाने वाला होगा. सावन का पहला प्रदोष व्रत सोमवार 25 जुलाई को किया जाएगा और इस दिन कामिका एकादशी पारण समय भी होगा. द्वितीय श्रावण सोमवार व्रत का समय भी होगा सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग में यह प्रदोष व्रत संपन्न होगा. इस बार रखा जाने वाला प्रदोष कई मायनों से खास रहने वाला है. इस दिन व्रत रख कर तथा भगवान शिव का पूजन करने से संकटों से मुक्ति प्राप्त होगी.
प्रदोष व्रत पूजा नियम
सावन सोमवार प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके पूजा के लिए स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए. इसके बाद पूजा कक्ष में दीपक जलाकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए. पूरे दिन व्रत रखकर प्रदोष काल में भगवान शिव की आराधना और पूजा करनी चाहिए. पूजा के दौरान दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल मिलाकर शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक करना चाहिए. शिवलिंग पर भांग, धतूरा, बेलपत्र के फूल और नैवेद्य भगवान शिव को अर्पित करने चाहिए. इसके बाद भगवान शिव की मूर्ति के पास धूप-दीप जलाकर प्रदोष व्रत की कथा पढ़ें या सुनें. अंत में शिव की आरती कर पूजा समाप्त करनी चाहिए.
सावन प्रदोष व्रत का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शुक्र प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. मान्यता है कि इस व्रत को करने से घर में सुख-समृद्धि आती है. साथ ही दांपत्य जीवन में चल रही परेशानियां भी दूर होती हैं. यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्र दोष की समस्या हो तो प्रदोष व्रत करना बहुत ही फलदायी माना जाता है. प्रदोष व्रत के दिन चंद्रदेव की पूजा करना शुभ माना जाता है. प्रदोष व्रत का उल्लेख पौराणिक कथाओं में प्राप्त होता है. प्रदोष के दिन भगवान शिव के मंत्र जाप करना तथा रात्रि जागरण अति शुभ कार्य माने जाते हैं. इस समय के दौरन भक्त की साधना जल्द फलित होती है.
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