myjyotish

6386786122

   whatsapp

6386786122

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Blogs Hindi ›   Pradosh Vrat: Know why Lord Shiva is dear to him, Pradosh Vrat!

Pradosh Vrat: जाने आखिर भगवान शिव को क्यों प्रिय है, प्रदोष व्रत !

Myjyotish Expert Updated 25 Jun 2022 08:41 PM IST
आखिर भगवान शिव को क्यों प्रिय है, प्रदोष व्रत !
आखिर भगवान शिव को क्यों प्रिय है, प्रदोष व्रत ! - फोटो : Google
विज्ञापन
विज्ञापन

आखिर भगवान शिव को क्यों प्रिय है, प्रदोष व्रत ! जाने आषाढ़ मास में प्रदोष व्रत की तिथि


प्रदोष का व्रत एकादशी की तरह ही श्रेष्ठ माना जाता है. यह व्रत महादेव को समर्पित होता है. और हर कामना को पूरा करने मोला माना जाता हैl इस बार आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रदोष व्रत 26 जून को पढ़ रहा है यहां जाने दो प्रदोष व्रत से जुड़ी तमाम बातें एकादशी की तरह प्रदोष व्रत की भी विशेष मान्यता है यह व्रत महीने में त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का व्रत 26 जून को आएगा पृथ्वी का व्रत भगवान शिव जी को समर्पित होता है मान्यता यह है कि इस व्रत को रखने से व्यक्ति को मृत्यु तुल्य होने वाला कष्ट से मुक्ति मिल जाती हैं

इस बार प्रदोष व्रत रविवार के दिन पड़ने वाला है के हिसाब से प्रदोष व्रत का महत्व भी बदल जाता है रविवार को पढ़ने वाले प्रदोष को रवि प्रदोष कहा जाता है कहा जाता है कि प्रदोष व्रत शिवजी को अत्यंत प्रिय होता है इस व्रत में उनकी पूजा भी प्रदोष काल में ही की जाती है जो व्रत जो भक्त प्रदोष के व्रत को पूरी श्रद्धा के साथ करता है उसकी मनोकामना जरूर पूर्ण होती है आइए आपको बताते हैं कि आखिर क्यों महादेव को प्रदोष का व्रत इतना प्रिय हैl

आज ही करें बात देश के जानें - माने ज्योतिषियों से और पाएं अपनीहर परेशानी का हल 

इसलिए महादेव को प्रिय है प्रदोष का व्रत: पौराणिक मान्यता के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान जब हलाहल विष समुद्र में से निकला तो उसके कारण सृष्टि में हाहाकार मच गया, चारों तरफ तबाही मच गई. तब महादेव ने सृष्टि को बचाने के लिए उस हलाहल को पी लिया और उसे अपने कंठ में रोक लिया. हलाहल पीने के बाद शिवजी का कंठ नीला पड़ गया और हलाहल के प्रभाव से उनके शरीर में तेज जलन होने लगी. शिवजी को व्याकुल देखकर सभी देवी देवता भी परेशान होने लगे तब देवताओं ने जल , बेलपत्र जैसी चीजों  से महादेव  की जलन को कम किया.

जब महादेव की जलन शांत हुई तब सभी देवी देवताओं ने उनकी पूजा क्योंकि उन्हीं के कारण सृष्टि बच सकी जिस दिन यह घटना घटी उस दिन त्रयोदशी तिथि थी और प्रदोष काल था उस दिन महादेव अत्यंत प्रिय थे और प्रसन्नता के कारण शिवजी ने तांडव भी किया था. तब से त्रयोदशी तिथि और प्रदोष काल भगवान शिव को प्रिय हो गए और इस दिन महादेव की पूजा और व्रत का चलन शुरू हो गया और प्रदोष काल में पूजा किए जाने के कारण इस व्रत को प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाने लगाl

भाग्य जगा देगा प्रदोष व्रत:

प्रदोष व्रत व्यक्ति की रूठी किस्मत को भी पलटने वाला माना जाता है. दिन के हिसाब से इसका महत्व अलग हो जाता है. रविवार के दिन पढ़ने वाला प्रदोष व्रत रखने से  अच्छी सेहत और लंबी उम्र होती है. इसके अलावा उस दिन  अगर पूरी श्रद्धा से प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा की जाए तो व्यक्ति की हर मनोकामनाएं पूर्ण होती है उसकी कुंडली में चंद्र की स्थिति बेहतर होती है, और मानसिक परेशानियां भी कम होती हैं. और साथ ही मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती हैl

यह होगा शुभ मुहूर्त:

पंचांग के अनुसार त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 25 जून शनिवार की देर रात 1:09 से होगी और तिथि का समापन 26 जून की देर रात 3:25 पर होगा. उदया तिथि के हिसाब से प्रदोष का व्रत 26 जून को रविवार के दिन रखा जाएगाl

जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है

 यह होती है व्रत की विधि:

सबसे पहले सुबह सूर्योदय से पहले उठकर, स्नानादि के बाद भगवान के समक्ष व्रत का संकल्प लें. व्रत मैं निराहार रहना है या फलाहार लेकर यह आप  क्षमता अनुसार तय कर सकते हैं. शाम को प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के बाद और रात्रि से पहले के समय में भगवान शिव का पूजन करें, पूजन के बाद सबसे पहले स्थान को गंगाजल या साफ जल से साफ करें फिर गाय के गोबर से लिप कर उस पर पांच रंगों की मदद से चौक  बनाएं पूजा के दौरान कुश के आसन का प्रयोग करेंl

पूजन की तैयारी करके उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुंह करके बैठें और शिव जी को याद करें उसके बाद महादेव को जल , चंदन , पुष्प, प्रसाद, धूप आदि अर्पित करें मंत्रों का जाप करें और प्रदोष कथा का पाठ करें,आरती करें और क्षमा याचना करें. आखिर में भगवान को प्रसाद चढ़ाएं और पूजा के बाद प्रसाद लोगों में बांट देंl
 

ये भी पढ़ें

  • 100% Authentic
  • Payment Protection
  • Privacy Protection
  • Help & Support
विज्ञापन
विज्ञापन


फ्री टूल्स

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms and Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree
X