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Home ›   Blogs Hindi ›   Pradosh Vrat: Know which method to keep Pradosh Vrat

Pradosh Vrat: जानें किस विधि अनुसार रखना चाहिए प्रदोष व्रत

MyJyotish Expert Updated 13 May 2022 02:43 PM IST
जानें किस विधि अनुसार रखना चाहिए प्रदोष व्रत
जानें किस विधि अनुसार रखना चाहिए प्रदोष व्रत - फोटो : google
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जानें किस विधि अनुसार रखना चाहिए प्रदोष व्रत


आज शुक्र प्रदोष व्रत रखा जा रहा है। भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत सबसे उत्तम माना जाता है ऐसे में शुक्रवार के दिन यदि प्रदोष व्रत पड़ता है तो उसे शुक्र प्रदोष व्रत कहते हैं। शुक्र प्रदोष व्रत करने से शुक्र गृह से संबंधित दोष दूर होते हैं। इस दिन भक्त अपने सामर्थ्य के अनुसार व्रत करते हैं। कोई निर्जला व्रत करता है तो कोई फलहारी व्रत करता है। आज हम आपको प्रदोष व्रत से जुड़ी कुछ जरूरी बातें बताने जा रहे हैं

प्रदोष व्रत में भक्त 24 घंटे का उपवास करते हैं और रात भर जाग कर भगवान शिव का ध्यान करते हैं।  इस दिन निर्जला या फलहार दोनों में से किसी भी प्रकार का व्रत रखा जा सकता है। प्रदोष तिथि के अगले दिन जो लोग व्रत रखते हैं उन्हें भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए और भगवान शिव को ताजा बना हुआ भोजन अर्पित करने के बाद ही अपना उपवास खोलना चाहिए। यह तो हुई पहली विधि प्रदोष व्रत रखने की,  दूसरी विधि में भक्त सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच व्रत रखते हैं। इस विधि में भक्त सूर्यअस्त के बाद शाम के समय भगवान शिव की पूजा करके उनको भूख अर्पित करके अपना व्रत खोलते हैं। भक्त इन दोनों में से किसी भी विधि का चयन कर सकते हैं।

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अब जानते हैं कि प्रदोष व्रत के दौरान भगवान शिव की किस प्रकार पूजा करनी चाहिए। प्रदोष व्रत के दिन सुबह उठकर स्नान करना चाहिए करें। उसके बाद भगवान शिव की प्रतिमा को गंगाजल से पवित्र कर उनका अभिषेक करना चाहिए। भगवान शंकर को भांग, धतूरा, फल, फूल, गाय का दूध आदि चीजें अर्पित करें। भगवान शंकर को घी और शक्कर मिले सत्तू का भोग लगाएं इससे भगवान शिव जल्द ही प्रसन्न होते हैं।

अब जानते हैं उन चीज़ो के बारे में जिनका प्रदोष व्रत में सेवन किया जा सकता है। जो लोग व्रत रख रहे हैं वह व्रत के दौरान दूध या दूध से बनी चीजों का सेवन कर सकते हैं जैसे कि दही, श्रीखण्ड या पनीर आदि। इसी के साथ व्रत के दौरान मावा बर्फी, आलू का हलवा, समा के चावल की खीर, नारियल की बर्फी, आलू का पापड़, केले के चिप्स, अरबी की सूखी सब्जी, लौकी की सब्जी, सिंघाड़े के आटे के पराठे, कुट्टू के आटे के  पराठे या साबूदाने जैसी सात्विक चीजों का सेवन कर सकते हैं। जब अगले दिन व्रत खोलें तो हरी मूंग का सेवन करें क्योंकि हरा मूंग पृथ्वी तत्व है और मंदाग्नि को शांत रखता है।

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प्रदोष व्रत के दौरान लाल मिर्च, अन्न, चावल, सादा नमक इन चीजों को खाने से बचना चाहिए। जो लोग व्रत रख रहे हैं वह ऐसा न करें कि बार बार फल या अन्य वस्तु खाते रहे क्योंकि इससे मुँह झूठा होता है और व्रत टूट जाता है। यदि आप व्रत रख रहे हैं तो आपको इससे जुड़े नियमों का भी अवश्य पालन करना चाहिए। 
हालांकि दिन में एक बार हल्का आहार ग्रहण कर सकते हैं।

जो लोग निर्जला व्रत रख रहे हैं उन्हें यही सलाह दी जाती है कि वह इतनी गर्मी और धूप के मौसम में बाहर जाने से बचें क्योंकि इससे आपको ज्यादा प्यास लगेंगी और पानी नहीं मिल पाने के कारण आप डिहाइड्रेटेड महसूस कर सकते हैं, जिससे आपकी तबियत भी बिगड़ सकती है। जो लोग फलहारी व्रत रख रही है वह दिन में एक बार फलों का सेवन करें उसमें भी ऐसे फल जिसमे की पानी की मात्रा ज्यादा हो और हर आधे या एक घंटे में पानी पीते रहें ताकि इस गर्मी के मौसम में आपकी तबियत खराब न हो।

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