माघ मास का अंतिम प्रदोष व्रत, जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
प्रदोष व्रत का बहुत महत्व माना जाता है, पंचांग अनुसार प्रत्येक माह में दो प्रदोष व्रत रखे जाते हैं. प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष या शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के दिन किया जाता है. इस शुभ दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से सुख-समृद्धि का आगमन होता है. प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल यानी संध्या काल में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है.
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माघ मास समाप्त होने में कुछ ही दिन शेष हैं. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि माघ महीने में आखिरी प्रदोष व्रत किस दिन रखा जाएगा. आइए जानते हैं प्रदोष व्रत की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि. हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत महत्व माना जाता है. इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करने से सभी दुख और पीड़ा दूर हो जाती है.
आइए जानते हैं कब है माघ मास का अंतिम प्रदोष व्रत और क्या है इस व्रत का महत्व
प्रदोष व्रत तिथि और शुभ मुहूर्त
हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 2 फरवरी 2023 को शाम 4 बजकर 25 मिनट से शुरू होकर 3 फरवरी को शाम 6 बजकर 59 मिनट पर व्याप्त होगी. प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करने के कारण यह व्रत 2 फरवरी 2023 दिन गुरुवार को रखा जाएगा. इस दिन पूजा मुहूर्त शाम 6 बजकर 2 मिनट से रात 8 बजकर 37 मिनट तक रहेगा.
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प्रदोष व्रत पूजा विधि
गुरु प्रदोष व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें. इसके बाद सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का संकल्प लें. इस दिन भगवान शिव के साथ ही भगवान विष्णु की भी पूजा करना शुभस्थ होता है ऐसा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं. मान्यता है कि गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी संकट दूर हो जाते हैं. इसके बाद प्रदोष काल के शुभ मुहूर्त में यानी शाम को भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना चाहिए और महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करें. पूजा के अंत में भगवान शिव की आरती और चालीसा का पाठ करना चाहिए.
गुरु प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा करने से धन, समृद्धि, सुख और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. इस दिन बृहस्पति का दिन होने पर बृहस्पति ग्रह की शुभता भी प्राप्त होती है. पुराणों में भी प्रदोष व्रत को अत्यंत फलदायी बताया गया है. इस दिन पूजा करने से वैवाहिक जीवन में आ रही परेशानियां भी दूर होती हैं और संतान को भी स्वास्थ्य और सफलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
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