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Pradosh Vrat 2023: सावन का रवि प्रदोष व्रत जाने पूजा मुहूर्त एवं महत्व

my jyotish expert Updated 25 Jul 2023 01:14 PM IST
Pradosh Vrat 2023: सावन का रवि प्रदोष व्रत जाने पूजा मुहूर्त एवं महत्व
Pradosh Vrat 2023: सावन का रवि प्रदोष व्रत जाने पूजा मुहूर्त एवं महत्व - फोटो : google
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सावन माह का दूसरा और अधिकमास का पहला रवि प्रदोष व्रत 30 जुलाई 2023 को होगा. प्रदोष व्रत बहुत महत्वपूर्ण समय है, इस शुभ दिन पर शिव परिवार का पूजन किया जाता है. प्रदोष पूजा के द्वारा जीवन में सुख एवं शुभता बनी रहती है. सावन में आने वाला प्रदोष व्रत शिव पूजन के लिए श्रेष्ठ समय भी माना जाता है क्योंकि भगवान शिव का प्रिय समय होने से भगवान जल्द प्रसन्न होते हैं तथा भक्तों की कामनाओं को पूर्ण करते हैं.  अधिक मास के प्रदोष व्रत की पूजा सहस्त्र गुना शुभ फलों को देने वाली होती है. 

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प्रदोष व्रत जिस दिन पड़ता है उसी अनुसार उसे नाम प्राप्त होता है. इस बार रविवार के दिन पर प्रदोष होने के कारण यह रवि प्रदोष के रुप में पूजा जाएगा. इस दिन व्रत रखने से न केवल उम्र बढ़ती है बल्कि स्वास्थ्य लाभ की प्राप्ति होती है तथा मान सम्मान भी वृद्धि पाता है. भी अच्छा रहता है. इस दिन उपवास एवं पूजन करने से वैवाहिक जीवन में मौजूद सभी प्रकार के संकट भी समाप्त होते हैं.
 
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अधिकमास प्रदोष पूजा शुभ तिथि 2023
इस वर्ष सावन माह में अधिकमास प्रदोष व्रत 30 जुलाई 2023 को रविवार के दिन मनाया जाएगा. इस दिन प्रदोष काल में की जाने वाली पूजा विशेष रूप से की जाती है. अधिकमास में किया जाने वाला प्रदोष व्रत कष्टों बाधाओं से बचाता है. प्रदोष व्रत की तिथि का समय इस प्रकार रहने वाला है पंचांग अनुसार शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 30 जुलाई, रविवार को सुबह 10:34 बजे से शुरू हो जाएगी. इसके बाद 31 जुलाई 2023 को सुबह 07:27 पर समाप्त होगी. हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, लेकिन जब प्रदोष व्रत अधिकमास में आता है तो इसका फल और भी अधिक बढ़ जाता है. शास्त्रों में श्रावण मास में पड़ने वाला प्रदोष व्रत बहुत ही शुभ होता है और कई गुना अधिक लाभकारी बताया गया है.

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अधिकमास प्रदोष फल 
इस साल सावन माह में अधिकमास होने के कारण प्रदोष व्रत भी अधिक रहेगा. जिनमें से अधिक मास सहित चार प्रदोष व्रत रखे जाएंगे. अब इस समय सावन अधिकमास का पहला प्रदोष व्रत रविवार को रखा जाएगा, जिसके कारण इसे रवि प्रदोष कहा जाएगा. सावन अधिक मास के दिन कई शुभ योग भी होंगे. प्रदोष की शाम 19:14 मिनट से 21:19 बजे तक रहेगा. पूजा समय पर बनने वाले योग कई शुभ प्रभाव देने वाला होगा. इस दिन व्रत करने से कुंडली में सूर्य के शुभ फल भी प्राप्त होंगे तथा सुख एवं मांगल्य सुखों की अनुभूति भी प्राप्त होगी. 

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