धार्मिक कथाओं एवं मायताओं के अनुसार ऎसा माना जाता है कि भगवान श्री राम ने सीता जी को रावण से बचाने के लिए लंका प्रस्थान करने से पहले यह पूजा की थी.
सावन माह के अवसर पर सरसों के तेल से अभिषेक करने के फायदे
भगवान शिव को सृष्टि के जन्मदाता और संहारक के रूप में माना जाता है. भगवान शिव के कई रूपों पूजनीय हैं. भगवान शिव के अनेकों अवतारों में एक अवतार रुद्र रूप का है. इस रूप में भगवान शिव की पूजा करना रुद्राभिषेक के रूप में जाना जाता है. वैदिक शास्त्र इसे बहुत ही महत्वपूर्ण पूजा की श्रेणी में स्थान देता है और इसका वैदिक कालिन स्वरुप होना ही इसे सर्वोत्तम फल प्रदान करने वाला भी बताय अगया है. धार्मिक कथाओं एवं मायताओं के अनुसार ऎसा माना जाता है कि भगवान श्री राम ने सीता जी को रावण से बचाने के लिए लंका प्रस्थान करने से पहले रामेश्वरम में यह पूजा की थी. रुद्राभिषेक के समय पर ग्रहों की स्थिति भी अनुकूलता एवं शुभता को प्रदान करने में अत्यंत सहायक बनती है. रुद्राभिषेक का समय ऊर्जाओं का प्रवाह अत्यंत ही सकारात्मक रुप से प्रवाहित होता है. रुद्राभिषेक के दौरान किए जाने वाले समस्त कृत्यों का शुभ फल प्राप्त होता है. किसी भी प्रकार की कष्ट मुक्ति के लिए इस अभिषेक को बहुत ही उत्तम माना जाता है.
रुद्राभिषेक क्या है?
रुद्राभिषेक का अर्थ है, शिव लिंगम का अनुष्ठान स्नान जिसे अभिषेक कहा जाता है. शिव लिंगम बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भगवान शिव को दर्शाता है. यह भगवान शिव को प्रसन्न करता है क्योंकि शिव सहज रुप से प्रसन्न होने वाले और जल्द फल प्रदान करने वाले भगवान हैं और वह प्रेम, विवाह, सुख, समृद्धि, शक्ति और ज्ञान के दाता हैं. रुद्राभिषेक यज्ञ भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण, सबसे बड़ा और लोकप्रिय धार्मिक आध्यात्मिक उत्सव होता है, इस अभिषेक में शामिल होने पर जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति दिलाने का सुगम मार्ग प्राप्त होता है.
रुद्राभिषेक पूजा के लाभ
रुद्राभिषेक कई प्रकार से संपन्न होता है. अभिषेक में उपयोग की जाने वाली सामग्रियों का अपना अलग महत्व होता है. जिस भी चीज से रुद्राभिषेक किया जाता है वह वस्तु जीवन के किसी न किसी क्षेत्र को बहुत गहराई के साथ प्रभावित करने वाली होती है. रुद्राभिषेक के लिए विभिन्न प्रकार के तेल भी उपयोग में लाए जाते हैं ओर इन का अलग अलग फल प्राप्त होता है. शिवलिंग को सरसों के तेल द्वारा अभिषेक करने का विधान भी मिलता है ओर इस तेल का उपयोग व्यक्ति के अनेकों संकटों को दूर करने वाला होता है. सरसों के तेल द्वारा अभिषेक से भगवान शिव की कृपा द्वारा आर्थिक कष्टों से मुति प्राप्त होती है.
हमारी पूजा सेवाएं :-
पूजन के समय आपको एक लिंक भेजा जाएगा, जिसके माध्यम से आप पूजन को लाइव देखकर पूजा का आनंद व लाभ ले सकेंगे। साथ ही पूर्ण विधि - विधान से महादेव का पूजनकर रुद्राभिषेक संपन्न किया जाएगा।
प्रसाद
श्राद्ध कर्म : प्रतिपदा से शुरु होगा श्राद्ध कर्म जाने क्या रहेगा इस दिन का मुहूर्त समय
Mahalaxmi Vrat: महालक्ष्मी व्रत देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने का विशेष समय अभी कर लें ये अचूक उपाय
Budh Gochar 2023 : भद्र राजयोग बनने से इन 2 राशियों को धन लाभ होने की संभावना है.
Purnima Ke Upay : भाद्रपद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा एवं उपाय दिलाएंगे सफलता
Anant Chaturdarshi 2023: आखिर क्यों और कब मनाया जाता है अनंत चतुर्दशी पर्व जानें पूजा का शुभ समय
अस्वीकरण : myjyotish.com न तो मंदिर प्राधिकरण और उससे जुड़े ट्रस्ट का प्रतिनिधित्व करता है और न ही प्रसाद उत्पादों का निर्माता/विक्रेता है। यह केवल एक ऐसा मंच है, जो आपको कुछ ऐसे व्यक्तियों से जोड़ता है, जो आपकी ओर से पूजा और दान जैसी सेवाएं देंगे।