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Panchak November 2022: अग्नि पंचक आज से शुरू हो चुका है, भूलकर भी न करें ये काम हो सकती है हानि

Myjyotish Expert Updated 29 Nov 2022 04:03 PM IST
Panchak November 2022: अग्नि पंचक आज से शुरू हो चुका है, भूलकर भी न करें ये काम हो सकती है हानि
Panchak November 2022: अग्नि पंचक आज से शुरू हो चुका है, भूलकर भी न करें ये काम हो सकती है हानि - फोटो : google
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Panchak November 2022: अग्नि पंचक आज से शुरू हो चुका है, भूलकर भी न करें ये काम हो सकती है हानि


हिंदू धर्म के अनुसार पंचक काल में कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है। क्योंकि पंचक काल जिस नक्षत्र में होता वो समय अशुभ माना गया है। इस साल पंचक साल के आखिरी महीने यानी 4 दिसंबर को लग रहा है।

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ऐसी मान्यता है की अगर आप पंचक लगने तक के समय में कोई शुभ काम करते है ,तो उसका परिणाम आपको सही नहीं मिलेगा। लेकिन अगर किसी कारणवश आपको इस समय में कोई शुभ काम करना है और उसका परिणाम अशुभ ना हो, तो गरुण पुराण में इसका काट बताया गया है। आइए इसके काट के उपाय जानते है और कब से शुरू हो रहा है अग्नि पंचक :–

अग्नि पंचक 2022
अग्नि पंचक शुरू -  29 नवंबर 2022 के रात में  7 : 51 मिनट पर है।

अग्नि पंचक समाप्त  4 दिसंबर 2022 के शाम में 6 : 16 मिनट पर है। 

पंचक उपाय  
पंचक के दौरान आप दक्षिण दिशा की यात्रा नहीं कर सकते है। अगर जाना बहुत जरूरी है तो आप किसी भी हनुमान मंदिर जाकर 5 प्रकार के भोग अर्पित करके हनुमान चालीसा का पाठ करें। अब आप यात्रा पर जा सकते है।

पंचक में लकड़ी खरीदना अशुभ माना जाता है। लेकिन अगर घर में कोई फंगशन नजदीक है तो आप गायत्री मंत्र से हवन करने के बाद लकड़ी से जुड़ी जो भी चीज है आप खरीद सकते है।

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आपका पहले से घर बन रहा है , और पंचक में में छत डालना पड़े तो ,आप छत डालने से पहले मजदूरों को मिठाई खिला कर काम शुरू कर सकते है।

अगर पंचक में किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो शव दहन के वक्त 5 आटे या कुश के पुतले का शव के साथ अंतिम संस्कार करें। शास्त्रों के अनुसार इससे घर  के लोगों पर आने वाला संकट खत्म हो जाता है।

कितने तरह के होते हैं पंचक ?
शास्त्रों की मानें तो एक माह में एक बार ही पंचक आता है। पंचक अलग अलग होते है। तात्पर्य की पंचक के नाम सप्ताह के दिनों के नामों पर निर्धारित किए जाते है। जैसे की सोमवार से शुरू होने वाला राज पंचक कहलाता है, मंगलवार के दिन से लगने वाला अग्नि पंचक, शुक्रवार से प्रारंभ होने वाला चोर पंचक, शनिवार को लगने वाला मृत्यु पंचक, रविवार से प्रारंभ होने वाला रोग पंचक कहलाता है।

 

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