लंबी आयु और अच्छी सेहत के लिए इस सावन सोमवार उज्जैन महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में कराएं रुद्राभिषेक 04 जुलाई से 31अगस्त 2023
पद्मिनी एकादशी 2023 व्रत मुहूर्त
पंचांग के अनुसार सावन अधिक मास की एकादशी तिथि 28 जुलाई को दोपहर 14:51 से आरंभ होगी. 29 जुलाई को दोपहर 13:05 बजे इसकी समाप्ति होगी. पद्मिनी एकादशी व्रत 29 जुलाई 2023, शनिवार के दिन रखा जाएगा. इस समय के दौरान ब्रह्मा और इंद्र योग का निर्माण भी होगा. पद्मिनी एकादशी व्रत का पारण अगले दिन होगा. इस एकदशी के दिन किया जाने वाला व्रत मनोकामनाएं पूर्ण करने वाला होता है.
सारी इच्छाओं को पूरा करने के लिए इस सावन बाबा बैद्यनाथ में कराएं रुद्राभिषेक - 04 जुलाई से 31 अगस्त 2023
एकादशी पूजा विधि
एकादशी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें और पीले वस्त्र धारण करना चाहिए. सबसे पहले पूजा स्थल को साफ करने के पश्चात भगवान को स्थापित किया जाता है. ऐसा करने के बाद भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करते हैं. पूजा के समय केसर मिश्रित जल से भगवान विष्णु का अभिषेक करना बहुत शुभ होता है. इसके बाद भगवान विष्णु के स्तोत्र का पाठ करना और व्रत कथा सुनना पुण्यदायक होता है. इस खास दिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ जरूर करना चाहिए तथा पूजा के अंत में आरती करने के पश्चात भोग अर्पित करना चाहिए.
सावन माह में भोलेनाथ को प्रसन्न करने हेतु काशी में कराएं रुद्राभिषेक - 04 जुलाई से 31 अगस्त 2023
अधिकमास एकादशी महत्व
श्रावण मास की यह एकादशी व्रत सावन अधिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को किया जाएगा. वैष्णव धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी व्रत के दिन श्री हरि की विधिवत पूजा करने से सुख-समृद्धि आती है.
सावन माह पर सरसों के तेल का अभिषेक दिलाएगा कर्ज मुक्ति, शत्रु विनाश और मुकदमों में जीत 04 जुलाई से 31अगस्त 2023
पद्मिनी एकादशी के व्रत के लिए धर्म शास्त्रों के अनुसार सहस्त्र गायों के दान के समान फल की प्राप्ति होती है. अधिक मास में आने के कारण इस व्रत को अधिकमास एकादशी व्रत भी कहा जाता है. अधिकमास में आने वाला यह एकादशी व्रत 3 साल में बार आता है. ऐसा माना जाता है कि इस एकादशी व्रत को रखने से साधकों को पुण्य की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं अधिक मास पद्मिनी एकादशी व्रत का महत्व एवं पूजा विधि.