Navratri : मां महागौरी की पूजा से पूरी होगी मनचाहे जीवनसाथी की कामना, जानें विधि एवं मंत्र
आज नवरात्री का अष्टमी तिथि और मां महागौरी का दिन है। नवरात्री का 9 दिन एक–एक देवी को समर्पित है। हर दिन माता के अलग–अलग स्वरूपों की पूजा भी की जाती है। मां महागौरी की पूजा करने पर साधक के जीवन से जुड़े सभी कष्ट दूर हो जाते है साथ ही माता अपने भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। आज का दिन माता महागौरी का है,तो आज के दिन मां महागौरी की पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार देवी महागौरी ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठिन तपस्या की थी। देवी महागौरी की पूजा करने पर व्यक्ति के विवाह में आ रही सभी बाधाएं दूर होती हैं और उसे मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त होता है। आइए जानते है की अष्टमी तिथि के दिन महागौरी की पूजा करने की विधि , इस दिन पूजा करने से हमारे जीवन में क्या लाभ होगा और कुछ जरूरी बातों पर गौर करते है।
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मां महागौरी का पावन स्वरूप
मां दुर्गा का हर स्वरूप मनमोहक होता है। उनका हर स्वरूप अपने भक्तों के लिए करुणा भरा होता है। नवरात्री का नौ दिन नौ देवी की पूजा की जाती है। आज नवरात्री का आठवां दिन यानी अष्टमी तिथि है। इस दिन माता महागौरी की पूजा अर्चना की जाती है। महागौरी के स्वरूप में माता की चार भुजाएं है।एक हाथ में त्रिशूल है, तो दूसरे हाथ में डमरू धारण किया है। इसी प्रकार एक हाथ अभय मुद्रा में है तो वहीं माता का दूसरा हाथ वर मुद्रा में है। मां महागौरी की सवारी बैल है।
अष्टमी की पूजा का शुभ मुहूर्त
आज अष्टमी तिथि पर देवी महागौरी की पूजा और हवन करने के लिए सबसे उत्तम मुहूर्त प्रात:काल 10 : 41 मिनट से लेकर दोपहर 12 : 10 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा आप चाहें तो नीचे दिए गए शुभ मुहूर्त में भी देवी की पूजा और हवन अपनी सुविधा के अनुसार कर सकते हैं।
अभिजित मुहूर्त
प्रात: 11 : 46 मिनट से दोपहर के 12 : 34 मिनट तक है।
विजय मुहूर्त
दोपहर 2 : 8 मिनट से 2 : 56 मिनट तक है।
अमृत काल
सायंकाल 7 : 54 मिनट से रात्रि के 9 : 25 मिनट तक है।
मां महागौरी की पूजा विधि
नवरात्री के इस पावन दिन में सब माता के भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान–ध्यान करके माता को नमन कर लेते है। इस दिन आप अपने घर के पूजा स्थल पर साफ किया हुआ एक छोटा सा चौकी रखकर उस पर साफ–सुथरा सफेद कपड़ा बिछाकर माता के आठवें स्वरूप महागौरी के चित्र को रखें और चित्र के साथ माता के यंत्र को रखकर विधि विधान से माता की पूजा करें। पूजा करने के बाद दूध से बना भोग मां महागौरी को चढ़ाएं। इस दिन माता महागौरी के मंत्र का जाप करें , जाप चंदन की माला से ही करें।
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ॐ महागौरी देव्यै नमः।
पूजा के अंत में मां महागौरी की आरती करें और उनका प्रसाद सभी को बांटें और स्वयं भी ग्रहण करें।
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मां महागौरी की पूजा का फल
नवरात्री का नौ दिन नौ देवियों को समर्पित होता है। हर दिन माता के अद्भुत स्वरूप के दर्शन होते है। महागौरी व्रत के कई फल है। अगर कुंवारी कन्याओं के विवाह में अर्चन आ रही है तो , अष्टमी तिथि वाले दिन व्रत रहे और माता के इस स्वरूप का विधि विधान से पूजा करें। मां महागौरी की पूजा से साधक को सुख-सौभाग्य और सौंदर्य का वरदान प्राप्त होता है।
अष्टमी पर कन्या पूजन
शारदीय नवरात्री की अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन का भी विधान है। ऐसे में आज नवरात्री व्रत का पूर्ण फल पाने और अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए 2 से 10 साल की कन्या को आदर के साथ अपने घर आने का आमंत्रण दिया जाता है। और उनका पूजन करने के बाद उन्हें भोग में पूरी और हलवा खिलाया जाता है। अंत में कन्याओं को विदा करते समय उन्हें कुछ उपहार या धन देकर आशीर्वाद जरूर लेना चाहिए।
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