नवरात्रि के इस दिन संतान सुख की पूर्ण होगी मनोकामना ऐसे करें स्कंदमाता की पूजा
कई बार जीवन में संतान सुख पाने के लिए व्यक्ति अथक प्रयास के बावजूद भी सुख नहीं प्राप्त कर पाता है ज्योतिष अनुसार कुछ ग्रह दोषों के कारण दंपति संतान सुख से वंचित रह जाते हैं ऎसे में नवरात्रि का समय संतान सुख पाने हेतु उत्तम समय होता है. मान्यताओं के अनुसार इस दिन की जाने वाली माता की पूजा द्वारा संतान सुख प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है.
नवरात्रि के पांचवें दिन मां दुर्गा के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा की जाती है. देवी भागवत पुराण में बताया गया है कि स्कंदमाता प्रेम और स्नेह की देवी हैं और कार्तिकेय की माता हैं जिन्हें स्कंद भी कहा जाता है. ऎसे में धार्मिक मान्यताओं के आधार पर बताया गया है कि दंपतियों को संतान प्राप्ति की इच्छा पूरी करने के लिए इस दिन सच्चे मन से मां के इस रूप की पूजा करनी चाहिए.
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मातृत्व का सुख मिलता है माता के पूजन द्वारा
भगवान कार्तिकेय यानी स्कंद कुमार की माता होने के कारण दुर्गाजी के इस पांचवें स्वरूप को स्कंदमाता कहा जाता है. देवी के इस रूप में भगवान स्कंद छह मुख वाले बालक के रूप में माता की गोद में विराजमान हैं. छह मुख वाले होने के कारण इन्हें षडानन भी कहा जाता है.
मां के इस रूप की चार भुजाएं हैं. उन्होंने अपनी दाहिनी ओर की ऊपरी भुजा से स्कंद अर्थात कार्तिकेय को धारण किया हुआ है और उसी ओर वाली निचली भुजा के हाथ में कमल का फूल है. बाईं तरफ की ऊपर वाली भुजा में वरदमुद्रा है और नीचे एक और सफेद कमल का फूल है. अपनी संतान स्कंद के नाम से माता को भी स्कंद माता नाम से पुकारा जाता है.
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स्कंद माता पूजन विधि लाभ
श्वेत वर्ण वाली माता कमल के पुष्प पर विराजमान हैं. इसी कारण इन्हें पद्मासना देवी भी कहा जाता है. इनका वाहन भी सिंह है. स्कंदमाता सौर मंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं, इसलिए उनके चारों ओर सूर्य के समान अलौकिक तेजोमय मंडल है. शास्त्रों में नवरात्रि पूजन के पांचवें दिन संतान सुख का महत्व बताया गया है.
स्कदमाता की पूजा के लिए कुश या कंबल के पवित्र आसन पर बैठकर पूजा करनी चाहिए. मां को भोग के रूप में केले का भोग लगाना चाहिए. इसके साथ ही पीली वस्तुएं मां को अत्यंत प्रिय होती हैं मां का आशीर्वाद पाने के लिए गरीबों को भोजन कराने से घर में सुख-शांति आती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है. नि:संतान दंपतियों को संतान का सुख मिलता है.
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