साल 2023 में माघ गुप्त नवरात्रि की तिथि, के दिन मां दुर्गा को चढ़ाएं ये चीजें
नवरात्रि का अर्थ है नौ पवित्र रातें जिनमें नवदुर्गा अर्थात मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करने का समय होता है. माघ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन में पहली नवरात्रि का आरंभ होगा. माघ मास की आने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि माना जाता है,
इस दिन माता के दस रुपों को पूजा जाता है जो महाविद्याओं के रुप में विराजमान हैं. इनकी पूजा करने से सिद्धियां प्राप्त होती हैं. गुप्त नवरात्रि को तंत्र साधना के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. प्रत्येक तंत्र कर्म के लिए ये समय बहुत महत्वपूर्ण होता है. इन सभी दिनों तक भक्त दुर्लभ सिद्धियों की प्राप्ति के लिए गुप्त तरीके से इन दस शक्तियों की पूजा करते हैं.
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प्रतिपदा तिथि - इस तिथि से नवरात्रि का आरंभ होता है. रोगमुक्त रहने के लिए प्रतिपदा के दिन मां शैलपुत्री को गाय के घी से बनी सफेद चीजों का भोग लगाना चाहिए.
द्वितीया तिथि - लंबी उम्र के लिए मां ब्रह्मचारिणी को मिश्री, शक्कर और पंचामृत का भोग द्वितीया तिथि को लगाना चाहिए, इसके द्वारा माता शीघ्र प्रसन्न होती हैं.
तृतीया तिथि - दु:ख से मुक्ति के लिए तृतीया तिथि को मां चंद्रघंटा को दूध और उससे बनी वस्तुएं अर्पित करना चाहिए. इसके साथ ही कन्याओं को प्रसाद के रुप में भोग वितरित करना चाहिए, जीवन में सफलताओं को पाने में सक्षम होते हैं.
चतुर्थी तिथि - तीक्ष्ण बुद्धि और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ाने के लिए चतुर्थी तिथि को मां कुष्मांडा को मालपुए का भोग लगाना चाहिए. माता के प्रभाव द्वारा जीवन शक्ति एवं आयुष की प्राप्ति होती है.
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पंचमी तिथि - स्वस्थ शरीर को पाने के लिए मां स्कंदमाता को केले का भोग लगाना चाहिए.
षष्ठी तिथि - आकर्षक व्यक्तित्व और सौंदर्य पाने के लिए षष्ठी के दिन मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाना चाहिए.
सप्तमी तिथि - संकटों से बचने के लिए सप्तमी के दिन मां कालरात्रि की पूजा में गुड़ का नैवेद्य अर्पित करना चाहिए.
अष्टमी तिथि - संतान संबंधी समस्याओं से मुक्ति के लिए अष्टमी तिथि पर मां महागौरी को नारियल का भोग लगाना चाहिए.
नवमी तिथि - सुख-समृद्धि के लिए नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री को हलवा, चना-पूरी, खीर आदि का भोग लगाना चाहिए. माता के इस दिन पर कन्याओं को भोग लगाना चाहिए. जीवन में सभी प्रकार की सुख समृद्धि के लिए ये समय विशेष होता है. माता की भक्ति पूर्ण की गई ये पूजा जीवन में शुभता को प्रदान करती है.
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