Navratri 2022: नवरात्रि में किस देवी की पूजा से किस ग्रह का दूर होगा दोष
नवरात्रि के महापर्व पर देवी के 09 स्वरूपों की पूजा का नवग्रहों से क्या है संबंध? देवी की पूजा से ग्रहों के कष्ट दूर करने और उसके शुभ फल दिलाने का अचूक उपाय आइए हम आपको बताते हैं.मात्र रु99/- में पाएं देश के जानें - माने ज्योतिषियों से अपनी समस्त परेशानियों
हिंदू धर्म में नवरात्रि का पावन पर्व शक्ति की साधना के लिए अत्यंत ही शुभ और फलदायी मानी गई है. नवरात्रि के 09 दिनों में देवी दुर्गा के 09 अलग-अगल स्वरूप की पूजा की जाती है. सनातन परंपरा में देवी दुर्गा के अलग-अलग स्वरूप की पूजा अलग-अलग फल बताया गया है. शक्ति के इन 9 स्वरूपों से न सिर्फ साधक की 9 तरह की कामनाएं पूरी होती हैं, बल्कि ग्रहों के दोष भी दूर होते हैं.
इस तरह यदि आप नवरात्रि के महापर्व पर 9 दिनों तक विधि-विधान से देवी की पूजा और जप-तप आदि करते हैं तो आपकी कुंडली से जुड़े ग्रहों के कष्ट दूर और शुभ फल प्राप्त होते हैं एवं शुभ संदेश मिलते हैं. आइए जानते हैं कि आखिर किस देवी की पूजा से कुंडली के किस ग्रह के शुभ फल प्राप्त होते हैं.
घट स्थापना का शुभ मुहूर्त एवं पूजा विधि:
यदि आपकी कुंडली में नवग्रहों के राजा माने जाने वाले सूर्यदेव कमजोर होकर आपके कष्ट का कारण बन रहे हैं तो आपको उनकी शुभता को पाने के लिए नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की विधि-विधान से पूजा करें.यदि आपकी कुंडली में मन का कारक माना जाने वाले चंद्र ग्रह से जुड़ा कोई दोष है तो उसे दूर करने के लिए नवरात्रि के चौथे दिन देवी कूष्मांडा की विधि-विधान से पूजा करें.
जिन लोगों की कुंडली में मंगल अमंगल कर रहा हो उन्हें नवरात्रि के पांचवें दिन देवी स्कंदमाता की पूजा करना चाहिए. मान्यता है कि देवी दुर्गा के इस पावन स्वरूप की पूजा और मंत्र का जप करने पर कुंडली में मंगल ग्रह के शुभ फल मिलने लगते हैं.
जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
यदि किसी व्यक्ति की की कुंडली में बुध ग्रह से संबंधित दोष हो और उसे तमाम तरह की परेशानियों से जूझना पड़ रहा हो तो उसे इनसे मुक्ति पाने के लिए व्यक्ति को नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की विशेष रूप से पूजा करनी चाहिए.ज्योतिष के अनुसार सौभाग्य के कारक माने जाने वाले गुरु ग्रह से जुड़े दोष को दूर करने के लिए व्यक्ति को नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की विशेष रूप से पूजा करनी चाहिए.
जीवन में सभी प्रकार के सुख, वैभव दिलाने वाले शुक्र ग्रह से जुड़े दोष को दूर करने और उसके शुभ फल पाने के लिए नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की विशेष साधना एवं जप करना चाहिए.जिन लोगों की कुंडली में शनि ने सनसनी फैला रखी हो उन्हें शांत करने और उससे जुड़े दोष को दूर करने के लिए व्यक्ति को नवरात्रि के सातवें दिन देवी कालरात्रि की विधि-विधान से पूजा और मंत्र जप करना चाहिए.
यदि आपकी कुंडली में राहु आपकी प्रगति को रोकने का काम कर रहा हो तो उससे जुड़ी परेशानियों को दूर करने के लिए नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की विधि-विधान से पूजा करें.यदि आपकी कुंडली में केतु कष्टों का बड़ा कारण बन रहा हो तो आपको नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की विशेष रूप से साधना करनी चाहिए.
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