शुरू होगा हिंदू नववर्ष, जानें इससे जुड़ी खास बातें
इस वर्ष 22 मार्च को हिंदू नववर्ष 2080 की शुरुआत हो रही है. साल 2023 में हिंदू नववर्ष 12 महीने की जगह 13 महीने का होगा, नए साल के आगमन के साथ ही धार्मिक कार्यों पूजा पाठ एवं शुभ कार्यों के आरंभ का भी समय होता है. इस वर्ष की स्थिति का अनुमान नए साल के दिन ओर स्थिति से ही ज्ञात होता है. इस वर्ष में सावन का महीना दो बार मनाया जाएगा यानी 59 दिनों का सावन का महीना होगा.
इसके 30 दिन पुरुषोत्तम मास के रूप में मनाए जाएंगे. इसे पवित्र महीना माना जाता है. जब भी कोई माह वृद्धि को पाता है तो वह साल बेहद महत्वपूर्ण होता है. ऎसा इस कारण से भी होता है क्योंकि तिथियों की कमी एवं वृद्धि के गणनात्मक रुप से जो बदलाव आता है वहीं माह की कमी या वृद्धि के संकेत का समय एवं वर्ष बन जाता है. इस वर्ष सावन चार जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त तक चलेगा.
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सावन में आठ सोमवार
हिंदी पंचांग एवं गणना अनुसार हिंदू नववर्ष आने में अब सिर्फ कुछ ही दिन बचे हैं. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा और अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 22 मार्च से हिंदू नववर्ष यानी हिंदू संवत्सर 2080 की शुरुआत हो रही है. धार्मिक दृष्टि से नया साल विशेष महत्व वाला रहेगा. खासकर भगवान भोलेनाथ के भक्तों के लिए नया साल पूजा के लिए शुभ रहेगा क्योंकि नए साल में सावन का महीना तीस दिन की जगह करीब इससे अधिक दिनों का होगा. हर साल सावन के महीने में चार या पांच सोमवार को विशेष पूजा होती है, लेकिन इस साल आठ सोमवार होंगे. ऎसा सिर्फ माह की वृद्धि के कारण होगा.
माह वृद्धि से होगा व्रत त्योहारों अंतर का कारण
नव हिन्दू संवत्सर में एक माह की वृद्धि होने के कारण इस वर्ष की अपेक्षा आने वाले वर्ष में अनेक पर्व एवं पर्व 15-20 दिन बाद मनाये जायेंगे. सावन के महीने से पहले पड़ने वाले त्यौहार इस साल की तुलना में 15 दिन पहले पड़ेंगे, जबकि सावन के महीने के बाद आने वाले त्यौहार 15-20 दिन बाद पड़ेंगे.
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पुरुषोत्तम मास तिथि में परिवर्तन के कारण
हिन्दू संवत्सर के प्रत्येक मास में दो पक्ष होते हैं, एक शुक्ल पक्ष और दूसरा कृष्ण पक्ष. 15-15 दिनों के इस पक्ष में कुछ दिन कम एवं तिथि वृद्धि को पाते हैं जिसके कारण दिनों का अंतर होता है. इसे अधिमास या पुरुषोत्तम मास कहते हैं. इस महीने में तीर्थ यात्रा और भगवान की कथा पढ़ने का विशेष महत्व होता है.
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