अधिक मास में कराएं भगवान विष्णु से जुड़ें महत्वपूर्ण दान, मिलेगा समस्त पापों से छुटकारा
पौराणिक कथा के अनुसार हर एक मास , राशि और नक्षत्र का कोई न कोई स्वामी होता हैं । लेकिन अधिक मास का कोई भी स्वामी नहीं था , तो लोग अधिक मास को मलमास पुकारने लगे । मलमास को यह बात अच्छी नहीं लगी और वह अपनी इस समस्या को लेकर भगवान विष्णु के पास गए । भगवान विष्णु ने यह सुना तो वह भी दुखी हो गए। विष्णु जी ने सोच - विचार किया और फिर मलमास को वरदान दे दिया कि आज से मैं तुम्हारा स्वामी हुँ । भगवान विष्णु ने मलमास को अपना नाम भी दिया पुरषोत्तम , पुरषोत्तम भगवान विष्णु का ही नाम हैं । तब से लोग अधिक मास को पुरषोत्तम मास के नाम से भी जानने लग गए।
सोई हुई किस्मत जगाने का समय - अधिक मास की एकादशी पर कराएं 10 महादान - लक्ष्मी नारायण मंदिर, दिल्ली : 27-सितम्बर-2020
अधिक मास में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है, मान्यता कि पुरुषोत्तम मास में स्नान, पूजन, अनुष्ठान और दान करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं और हर प्रकार के कष्ट भी दूर होते हैं। इस मास में किसी भी प्रकार का नशा न करें और मांसाहार से दूर रहें । मांस , राई ,उड़द ,प्याज़,लहसुन,बासी अन्न आदि न खाएं। मांस के सेवन से भगवान विष्णु रुष्ट हो जाते हैं। इस मास में विवाह , नामकरण, मुंडन, सगाई, ग्रह-प्रवेश आदि मांगलिक कार्य न करें। यह कार्य अधिक मास में सफल नहीं होतें ।
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