myjyotish

6386786122

   whatsapp

6386786122

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Blogs Hindi ›   Purushottam Maas 2020: Mythological significance Adhik Maas

Adhik Maas 2020: अधिक मास क्यों है महत्वपूर्ण जानें पौराणिक कथा

Myjyotish Expert Updated 23 Sep 2020 11:21 AM IST
Adhik Maas 2020
Adhik Maas 2020 - फोटो : Myjyotish
विज्ञापन
विज्ञापन
इस साल नवरात्रि एक महीने बाद से शुरू हैं। इस साल अश्विन मास में अधिक मास लग रहा जिसके कारण नवरात्रि एक महीनें बाद हैं। कहा जा रहा है कि ऐसा संजोग 165 साल के बाद बना हैं। अधिक मास को मलमास ,पुरषोत्तम मास के नामों से भी जाना जाता हैं। इस साल अधिक मास 18 सितंबर से शुरू है और 16 अक्टूबर को खत्म हैं। इसका उल्लेख ब्रह्मसिद्धान्त में भी है कि जिस चंद्रमास में संक्रांति न पड़ती हो वो अधिक मास या मलमास कहलाता हैं। अधिमास 32 महीने, 16 दिन और 4 घंटे के अन्तर से आता है। अधिक मास और भगवान विष्णु से जुड़ी एक पौराणिक कथा हैं।

अधिक मास में कराएं भगवान विष्णु से जुड़ें महत्वपूर्ण दान, मिलेगा समस्त पापों से छुटकारा

पौराणिक कथा के अनुसार हर एक मास , राशि और नक्षत्र का कोई न कोई स्वामी होता हैं । लेकिन अधिक मास का कोई भी स्वामी नहीं था , तो लोग अधिक मास को मलमास पुकारने लगे । मलमास को यह बात अच्छी नहीं लगी और वह अपनी इस समस्या को लेकर भगवान विष्णु के पास गए । भगवान विष्णु ने यह सुना तो वह भी दुखी हो गए। विष्णु जी ने सोच - विचार किया और फिर मलमास को वरदान दे दिया कि आज से मैं तुम्हारा स्वामी हुँ । भगवान विष्णु ने मलमास को अपना नाम भी दिया पुरषोत्तम , पुरषोत्तम भगवान विष्णु का ही नाम हैं । तब से लोग अधिक मास को पुरषोत्तम मास के नाम से भी जानने लग गए।

सोई हुई किस्मत जगाने का समय - अधिक मास की एकादशी पर कराएं 10 महादान - लक्ष्मी नारायण मंदिर, दिल्ली : 27-सितम्बर-2020

अधिक मास में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है, मान्यता कि पुरुषोत्तम मास में स्नान, पूजन, अनुष्ठान और दान करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं और हर प्रकार के कष्ट भी दूर होते हैं। इस मास में किसी भी प्रकार का नशा न करें और मांसाहार से दूर रहें । मांस , राई ,उड़द ,प्याज़,लहसुन,बासी अन्न आदि न खाएं। मांस के सेवन से भगवान विष्णु रुष्ट हो जाते हैं। इस मास में विवाह , नामकरण, मुंडन, सगाई, ग्रह-प्रवेश आदि मांगलिक कार्य न करें। यह कार्य अधिक मास में सफल नहीं होतें ।

यह भी पढ़े :-   

Adhik Maas 2020: अधिक मास क्यों है महत्वपूर्ण जानें पौराणिक कथा

Adhik Maas 2020: इस वर्ष बन रहें है ख़ास संयोग, जानें क्यों विशेष है अधिक मास

Adhik Maas 2020: अधिक मास में भूलकर भी नहीं करने चाहिए यह काम

  • 100% Authentic
  • Payment Protection
  • Privacy Protection
  • Help & Support
विज्ञापन
विज्ञापन


फ्री टूल्स

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms and Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree
X