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Home ›   Blogs Hindi ›   Motivational Thoughts: These 5 big things tell the difference between faith and superstition

Motivational Thoughts : विश्वास और अंधविश्वास के बीच का फर्क बताती हैं ये 5 बड़ी बातें

Myjyotish Expert Updated 11 Sep 2022 09:55 AM IST
Motivational Thoughts : विश्वास और अंधविश्वास के बीच का फर्क बताती हैं ये 5 बड़ी बातें
Motivational Thoughts : विश्वास और अंधविश्वास के बीच का फर्क बताती हैं ये 5 बड़ी बातें - फोटो : google
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Motivational Thoughts : विश्वास और अंधविश्वास के बीच का फर्क बताती हैं ये 5 बड़ी बातें


विश्वास की जिस नाजुक डोर से इंसानी रिश्ते बंधे होते हैं, उसका जीवन में क्या महत्व होता है और यह हमारी सफलता-असफलता में क्या भूमिका अदा करता है, आइए आज हम आपको बताते हैं
जीवन की गाड़ी विश्वास की डोर के सहारे चलते है. हमें कभी न कभी किसी न किसी पर विश्वास करना ही पड़ता है.

विश्वास के बगैर दुनिया का चलना मुश्किल है. रिश्ते बनाने और उसे चलाने से लेकर करिअर-कारोबार तक के लिए हमें कभी न कभी किसी न किसी पर विश्वास करना ही पड़ता है. ईश्वर की साधना तो सिर्फ विश्वास पर ही टिकी होती है. लेकिन सवाल उठता है कि किसी व्यक्ति पर कितना विश्वास करना चाहिए, खास तौर पर जब कोई उसका गलत फायद उठा ले. 

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दुनिया बैलेंस कर चलती है यदि कोई चीज कम है तब भी वह नुकसान देती है और अगर कोई चीज जरूरत से ज्यादा हो जाए तो भी वह नुकसान ही देती है. इसलिए व्यक्ति को अपने जीवन में सदैव बैलेंस यानी कि( संतुलन ) बना कर चलना चाहिए. परंतु कभी-कभी यह बैलेंस डगमगा जाता है और व्यक्ति को उसके गलत परिणाम भुगतने पड़ते हैं आइए सफलता के पांच मंत्र के जरिए जीवन में विश्वास और अंधविश्वास के बीच का फर्क समझने का प्रयास करते हैं.

जीवन में विश्वास एक रबड़ की तरह होता है जो हर गलती के बाद छोटा और छोटा होता जाता है. जिसने कभी भी अगर कोई व्यक्ति आप पर विश्वास करता है तो उस पर विश्वास पर आपको खरा उतरना चाहिए और कभी भी उसका विश्वास तोड़ना नहीं चाहिए क्योंकि एक बार कभी विश्वास टूट जाता है तो उसे बनने में पूरी जिंदगी लग जाती है और व्यक्ति फिर कभी भी किसी दूसरे पर भी विश्वास नहीं कर पाता चाहे दूसरा व्यक्ति विश्वास करने के योग्य हो या ना हो.

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जीवन में विश्वास उस डोर के समान होता है जो रिश्तों को बांधता है. ऐसे में विश्वास के बगैर किसी भी रिश्ते का टिकना असंभव सा कार्य है.कभी ऐसे व्यक्ति पर विश्वास करना चाहिए जो आपसे झूठ बोलता हो और कभी भी उस व्यक्ति से झूठ नहीं बोलना चाहिए जो आप पर विश्वास करता हो.

कभी भी किसी पर अंधविश्वास नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने पर व्यक्ति के सामने वाले व्यक्ति को आप को चोट पहुंचाने का मौका मिल जाता है जिससे कि वह आप को गहरा नुकसान पहुंचा सकता है.

ईश्वर की साधना में भी लोग विश्वास रखते हैं लेकिन कभी-कभी कुछ लोग अंधविश्वास के चक्कर में पड़ जाते हैं. विश्वास जहां आपको ईश्वर के करीब लेकर जाता है और अपने आप को पूर्ण तहत को कर ईश्वर को प्राप्त करने की शक्ति देता है .वहीं दूसरी तरफ अंधविश्वास आपको आपके साथ-साथ दूसरों को भी नुकसान पहुंचाने का कारण बन जाता है .अंधविश्वास में लोग अपने भलाई करने के लिए दूसरों की जान तक ले लेते हैं

किसी व्यक्ति या देवता के प्रति हमारा अटूट विश्वास आपदाओं के बीच भी मुस्कराने की शक्ति देता है. दरअसल, जीवन में विश्वास और ईमानदारी ही हमें गलत कार्यों को करने से बचाते हुए जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता प्रदान करती है.
 

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