तीज के दिन विवाहित महिलाएं गलती से भी नहीं करना चाहिए ये काम
हरियाली तीज और हरतालिका तीज की तरह, कजरी तीज भी विवाहित महिलाओं के लिए बहुत महत्व रखती है. माना जाता है कि इस दिन व्रत करने से वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि आती है. इस साल कजरी तीज 14 अगस्त रविवार को पड़ रही है. कजरी तीज भाद्रपद कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है. कजरी तीज मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में मनाई जाती है. कुछ जगहों पर इस त्योहार को बूढ़ी तीज और सतोदी तीज के नाम से भी जाना जाता है.
तृतीया तिथि 13 अगस्त की रात 12 बजकर 55 मिनट से शुरू होकर 14 अगस्त की रात 10 बजकर 37 मिनट पर समाप्त होगी.कजरी तीज पर विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. कजरी तीज तिथि: हिंदू धर्म में त्योहारों का अपना विशेष महत्व है.
तीज पर होती है भगवान शिव के साथ भवानी की पूजा
इस साल कजरी तीज 14 अगस्त रविवार को पड़ रही है. इस दिन भगवान महादेव और माता पार्वती की पूजा की जाती है. हरियाली तीज और हरतालिका तीज की तरह कजरी तीज भी शादीशुदा महिलाओं के लिए काफी अहमियत रखती है. माना जाता है कि इस दिन व्रत करने से वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि आती है. कजरी तीज पर, विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं, जबकि कई अविवाहित लड़कियां भी अच्छे वर पाने की प्रार्थना करते हुए व्रत रखती हैं. इस दिन देवी नीमड़ी की पूजा की जाती है. कजरी तीज के दिन, भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनते हैं. पूजा कलश पर सिंदूर का तिलक लगाते हैं और उसके चारों ओर एक पवित्र धागा बांधते हैं, और उसके बाद वे नीमड़ी माता की पूजा विधि-विधान से करते हैं.
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कजरी तीज के दिन शादीशुदा महिलाओं को इन चीजों का रखना चाहिए ध्यान
विवाहित महिलाओं के लिए कजरी तीज का पर्व विशेष महत्व रखता है. हर साल भादो महीने में कृष्ण पक्ष की तृतीया को कजरी तीज के रूप में मनाया जाता है. हरियाली तीज के बाद, कजरी तीज का व्रत रखा जाता है जो विशेष रूप से राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार में मनाया जाता है. कजरी तीज और इस खास दिन पर शादीशुदा महिलाओं को किस तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए.
कजरी तीज के दिन विवाहित महिलाओं को सफेद कपड़े नहीं पहनने चाहिए.
महिलाओं को इस समय निर्जला व्रत का पालन करना चाहिए, इस दिन भोजन और पानी नहीं लेना चाहिए.
इस दिन महिलाओं को अपने पति से झगड़ा नहीं करना चाहिए और न ही अपशब्द कहना चाहिए.
इस व्रत को महिलाएं अपने पति और वैवाहिक जीवन के लिए करती हैं. इस दिन संपूर्ण शृंगार को करना चाहिए ऎसा करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है.
हाथों को खाली न छोड़ें, यह अशुभ माना जाता है. हाथों में कंगन या चूड़ियां जरूर पहनें.
अपनी पिया के नाम पर मेहंदी लगाना न भूलें. यह बहुत शुभ होता है.
इस दिन शुभ मन से बड़ों का आशीर्वाद भी अवश्य लेना चाहिए.
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